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पीलिया ( Jaundice ) का घरेलू इलाज

गर्मी तथा बरसात के दिनों में जो रोग सबसे अधिक होते है , उनमें से पीलिया प्रमुख है । पीलिया ऐसा रोग है जो एक विशेष प्रकार के वायरस और किसी कारणवश शरीर में पित्त की मात्रा बढ़  जाने से होता है । इसमें रोगी को पीला पेशाब आता है। उसके नाख़ून , त्वचा , एवम आँखों का सफ़ेद भाग पीला पड़  जाता है । बेहद कमजोरी , कब्जियत , जी मचलाना , सिरदर्द , भूख न लगना  आदि परेशानियां भी रहने लगती है 

                                 

पीलिया के कारण

पीलिया तब होता है जब सामान्य मेटाबोल्जिम की कार्यक्षमता में अवरोध हो या बिलीरूबिन का उत्सर्जन हो । वयस्कों का पीलिया अक्सर निम्न का सूचक होता है :-

1  . अत्यधिक शराब पीना  

2  . संक्रमण  

3  . लीवर का कैंसर  

4  . सिरोसिस  ( लीवर पर घाव होना )  

5  . पित्ताशय की पथरी 

6  . अगर कोई व्यक्ति मरलेरिया से ग्रसित है तो उसे भी पीलिया होने की पूरी संभावना बनी  रहती है । क्योंकि मलेरिया में रोगी की प्रतिरोधक क्षमता कम  हो जाती है 

7  . अगर आप अच्छा आहार ग्रहण करते हो तो आपका शरीर स्वस्थ रहता है , और कोई रोग आपको छू  भी नहीं पाता । किन्तु अगर आप विशुद्ध भोजन करते हो तो हर बीमारी नुकसान पहुँचाने के लिए तैयार रहती है । इसलिए साफ़ , स्वछ और संतुलित आहार लें  , जिसमें  सभी पोषक तत्व मौजूद हैं 

8  . जिस स्थान पर आप रहते है अगर वहाँ  प्रकार की गंदगी है तो उस स्थान पर अनेक प्रकार के रोग स्वतः  ही उत्पन्न हो जाते है । जो पीलिया का कारण  बनता है 

9  . अक्सर वे लोग जो अधिक शराब का सेवन करते है । उन्हें पीलिया रोग होता रहता है 

10 . खून में हीमोग्लोबिन की कमी या रक्त कणों  की कमी से भी पीलिया रोग हो जाता है 

11 . कुछ लोगों को दिन में सोने की आदत होती है । इससे उनमें आलस तो बढ़ता   ही है , साथ ही उन्हें पीलिया जैसे रोग भी अपनी बीमारी का शिकार बना लेती है 

                                   


पीलिया रोग के लक्षण

1 . पीलिया का सबसे पहला और मुख्य लक्षण शरीर के अनेक हिस्सों का पीला पड़ना है। जिसमें  , आँखे , त्वचा , नाखून और मूत्र भी शामिल है 

2  . पीलिया में किडनी , लीवर और पाचन तंत्र प्रभावित होते है तो इससे पेट में दर्द और अन्य विकार उत्पन्न होना आरम्भ हो जाते है । इस स्थति में ज्यादातर पेट के दाहिने हिस्से में दर्द होता है , और यह दर्द धीरे - धीरे बढ़ने लगता है 

3  . पीलिया एक वायरस का रोग है जिससे शरीर में विष संचार होता है । ये विष का तापमान 100  से 103  डिग्री तक पंहुचा देता है , जिससे रोगी को लगातार बुखार रहता है । इससे उनकी आँखों पर गहरा प्रभाव पड़ता है । क्योंकि उनकी आँखें बुरी तरह से जलने लगती है 

4  . पीलिया के रोगी को उल्टियां आती है आ, और उनका जी मचलाता रहता है 

5  . कमजोरी और उलटी के कारण  रोगी को अपना शरीर टूटा हुआ महसूस होता है । वे हमेशा बिस्तर पर पड़े रहते है और सोते रहते है । इनका स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है । इनका न किसी से बोलने का मन करता है और न कुछ करने का 

6  . जिन रोगियों को पीलिया का कारण कोलेस्टासिस है , उन रोगियों के शरीर में खुजली की समस्या उत्पन्न हो जाती है । खुजली की शुरुआत उनके हाथ से होती है । किन्तु धीरे - धीरे ये खुजली पैरों से पूरे शरीर में होने लगती है । जिसके वजह से रोगी रात भर अपने शरीर को खुजाता रहता है 

7  . पीलिया के रोगी को बैचनी , खुजली और आँखों में जलन होती रहती है , जिसके कारण  उन्हें नींद नहीं आती है । जिसके कारण  उन्हें नींद की बीमारी भी अपना शिकार बनाने लगती है 


पीलिया में परहेज

1  . पीलिया के रोगी को हमेशा तले , भुने मिर्च मसाले जैसे खाने से दूर रखना चाहिये । और डॉक्टर की मदद से लीवर के लिए कोई लीवर टॉनिक देना चाहिये , और जितना हो सके उतनी  ठंडी तासीर वाली चीजें खाने में देना चाहिए । बाजार में खाने पीने वाली वस्तु का पीलिया में परहेज रखना चाहिए । और रोगी को प्रतिदिन गन्ने का जूस और मूली का जूस देना चाहिये 

2  . पीलिया के रोगी को चाय , कॉफी  , बीड़ी , सिगरेट शराब और किसी भी तरह के नशे को तुरंत बंद कर देना चाहिये  

3  . सभी वसायुक्त पदार्थ जैसे घी , तेल , मक्खन कम  से कम  15 दिन के लिए उपयोग न करें 

4  . दालों का उपयोग बिलकुल न करें क्योंकि दालों से आंतों  में फुलाव और सड़ांध पैदा हो सकती है 

5  . पीलिया के रोगियों को मैदा , मिठाइयां , तले  हुए पदार्थ , अधिक मिर्च मसाले , उड़द  की दाल , खोया , मिठाइयां नहीं खाना चाहिए 

6  . किसी भी गंदगी वाली जगह पर न तो जाना चाहिये  और न ही वहां से कोई सामान खरीदना चाहिये 

7  . सड़े गले फल का सेवन नहीं करना चाहिये 

8  . जब तक पानी उबला ना हो उसके सेवन से बचना चाहिये 

9  . किसी भी खुले पड़े हुए सामान  का सेवन नहीं करना चाहिये 

10 . हर प्रकार  सफर से बचना चाहिये 

11 . खाना खाने शौच जाने , पेशाब जाने के तुरंत बाद साबुन से अच्छी तरह हाथ धो लेना चाहिये 

12 . सोने के बिस्तर और पहनने के कपड़े  हमेशा साफ़ सुथरे ही पहने 

13 . धुप में बैठना और घूमना नहीं चाहिए यदि आप चाहे तो उगते हुए सूरज की किरणें सरे शरीर पर ले सकते है वो  5 - 10  मिनिट वो आपके लिए फायदेमंद रहेगी 

पीलिया के घरेलू उपचार

1  . कच्चे आम को शहद तथा कालीमिर्च के साथ खाने से पित्त जन  रोगों में लाभ होता है , और जिगर को बल मिलता है  

2  . बड़ा पहाड़ी नींबू  का रस पित्त प्रवाह में सुचारू रूप से करने में सहायक होता है  

3  . चुकुन्दर के रस  में एक चम्मच नींबू  का रस मिलकर प्रयोग करते रहने से शीघ्र ही पित्त प्रकोप शांत करता है  

4  . चुकुन्दर के पत्तों की सब्जी बनाकर खाने से भी पीलिया रोग शांत होता है  

5  . सहजन के पत्तों के रस  में शहद मिलकर दिन में दो - तीन बार देने से रोगी को लाभ होता है  

6  . अदरक नींबू  और पुदीने के रस  में एक चम्मच मिलाकर  प्रयोग करना भी काफी फायदेमंद होता है  

7  . पीलिया के रोगी को मूली के पत्तों  का रस  देना चाहिए   उसमें  थोड़ी मात्रा में गुड़ या चीनी मिला लें  पीलिया के रोगी को कम  से कम  आधा किलो यह रस  देना चाहिए   इसके सेवन  से रोगी को भूख लगती है , और नियमित रूप से उसका मल  साफ़ होने लगता है   रोग धीरे - धीरे शांत हो  जाता है  

8  . एक गिलास टमाटर के रस में थोड़ा सा काला  नमक और काली मिर्च मिला लें   इसे प्रातः काल  पीने से पीलिया रोग में काफी लाभ होता है  

9  . पीपल के पेड़ की 3 - 4  नई  कोपलें अच्छी प्रकार से धोकर मिश्री या चीनी के साथ मिलाकर बारीक़ - बारीक़ पीस लें   200  ग्राम जल में घोलकर रोगी को दिन में दो बार पिलाने से 4 - 5 दिनों में पीलिया रोग से छुटकारा मिल जाता है   यह बहुत ही प्रभावकारी उपाय है  

10 . फिटकरी को भूनकर उसका चूर्ण बना लें  2  से 4  रत्ती तक दिन में दो या तीन बार छाछ के साथ पिलाने से कुछ ही दिनों में पीलिया रोग में आराम होना शुरू हो जाता है   

11 . कासनी के फूलों  का काढ़ा  बनाकर 50  मिलीलीटर की मात्रा में दिन में 3-4  बार देने से पीलिया रोग में लाभ होता है  

12 . गोखरू की जड़ का काढ़ा  बनाकर पीलिया के रोगी को प्रतिदिन 50 मिलीलीटर की मात्रा में दिन में 2 - 3  बार  देने से पीलिया रोग में काफी लाभ होता है  

13 . प्याज को छीलकर इससे कुछ पतले पतले हिस्सों में बाँट लें और इसके ऊपर निम्बू का रस निचोड़ें. अब आप कुछ काली मिर्च और काले / सेंधा नमक का मिश्रण लें और प्याज के ऊपर छिड़क लें. इस तरह से आप प्याज का रोजाना सुबह शाम सेवन करें. इस उपाय के 15 से 20 दिन के अंदर ही आपको पीलिया से मुक्ति मिल जाती है 

14 . आपने अनेक ऐसे लोग देखें होंगे जो पीलिया में पपीते का इस्तेमाल करते है  पपीता में कुछ ऐसे तत्व पायें जाते है जो पीलिया के असर को कम करते है 

15 . आप एक भगोने में पानी लें और उसमे कुछ मकोय की पत्तियों को डालकर उबाल लें. आप इन पत्तियों का सेवन करें आपको शीघ्र ही पीलिया के रोग में राहत मिलती है 

16 .  धनिया के बीज को रातभर पानी में भिगो दीजिये और फिर उसे सुबह पी लीजिये। धनिया के बीज वाले पानी को पीने से लीवर से गंदगी साफ होती है।

17 . एक गिलास पानी में एक बड़ा चम्मच पिसा हुआ त्रिफला रात भर के लिए भिगोकर रख दें। सुबह इस पानी को छान कर पी जाएँ। ऐसा 12 दिनों तक करें।

18 . जब आप पीलिया से तड़प रहे हों तो, आपको गन्‍ने का रस जरुर पीना चाहिये। इससे पीलिया को ठीक होने में तुरंत सहायता मिलती है।

19 .  नीम के पत्तों को धोकर इनका रस निकाले। रोगी को दिन में दो बार एक बड़ा चम्मच पिलाएँ। इससे पीलिया में बहुत सुधार आएगा।

20 . पीलिया के रोगी को लहसुन की पांच कलियाँ एक गिलास दूध में उबालकर दूध पीना चाहिए , लहसुन की कलियाँ भी खा लें। इससे बहुत लाभ मिलेगा।

21 . आप रात को सोने से पहले चने की दाल को एक बर्तन में  भिगोकर रख दें और सुबह दाल में गुड़ मिलकर खायें । इस उपाय को 2 से 3  हफ्ते तक अपनाए  आपका पीलिया तुरंत भाग जायेगा 

22 . आप  एक बर्तन में पानी लें  और उसमें  कुछ मकोय की पतियों  को डालकर उबाल लें , आप इन पत्तियों का सेवन करें आपको बहुत जल्दी पीलिया रोग में राहत  मिलेगी 

23 . 10  ग्राम सौंठ और 10  ग्राम गुड़ को मिलाकर ठन्डे पानी के साथ सेवन करने से भी 10  से 15  दिनों में पीलिया के रोग में आराम मिलता है ।आप इस उपाय को प्रतिदिन सुबह के समय करें 

24 . एक कटोरी पानी लें और उसमें  कुछ मात्रा में त्रिफला डालकर रातभर भीगने दें , सुबह उठने के बाद आप त्रिफला को अलग कर उसके पानी को पी जाएं । इस उपाय को आप लगातार 2  सप्ताह तक अपनाएं निश्चित रूप से आपको पीलिया में आराम मिल जायेगा  

                                  



नोट  :- इस लेख में बताये गए नुस्खे आपकी जानकारी के लिए है। कोई भी उपाय करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। पहले से ली जा रही कोई भी दवा बंद न करें। असुविधा होने पर इस साइट की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी। 












  




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