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किडनी मे पथरी का इलाज

किडनी में पथरी का निर्माण होना एक बहुत ही पीड़ादायक रोग है मूत्र में पाए जाने वाले रासायनिक पदर्थों  से मूत्र अंगों में पथरी बनती है । जैसे यूरिक एसिड , फास्फोरस , कैल्शियम और ऑक्झेलिक एसिड । लगभग 90  प्रतिशत पथरी का निर्माण कैल्शियम ओक्झेलेट से होती है। गुर्दे की पथरी का दर्द आमतौर पर बहुत भयंकर होता है  । पथरी जब अपने स्थान  नीचे कि  तरफ खिसकती है तब यह दर्द पैदा होता है । पथरी गुर्दे से खिसकर यूरेटर और फिर यूरिन ब्लैडर में आती है । पेशाब होने में कष्ट होता है । उलटी , मतली , पसीना आना और फिर ठण्ड महसूस होना ये पथरी के सामान्य लक्षण  है । नुकीली पथरी से खरोंच लगने पर पेशाब में खून भी आता है । इस रोग में पेशाब थोड़ी मात्रा में कष्ट के साथ बार - बार आता है 



किडनी में पथरी के कारण

ज्यादा समय तक टीवी, कंप्यूटर या वीडियोगेम में उलझे रहना, तले भुने एवं वसा युक्त आहार का सेवन, मोटापा, पानी कम पीने जैसी आदतों के चलते पथरी के मामले बढ रहे हैं। राम मनोहर लोहिया अस्पताल में यूरोलॉजिस्ट डॉ राजीव सूद ने बताया पथरी बनने के कारण कैल्शियम की जमावट, मूत्राशय की नलिका में रूकावट आदि हैं।

इसका संबंध हाइपर पैराथायरॉइडिजम से भी होता है। यह अंतस्त्रवी ग्रंथियों से जुडी एक विकृति है जिसकी वजह से पेशाब में कैल्शियम की मात्रा बढ जाती है। यदि यह कैल्शियम पेशाब के साथ बाहर निकल जाए तो बेहतर है वर्ना यह गुर्दे की कोशिकाओं में एकत्र होता रहता है और पथरी का रूप ले लेता है। उन्होंने बताया पेशाब में कैल्शियम की अधिकता हाइपरकैल्सियूरिया कहलाती है। यह समस्या अत्यधिक कैल्शियम वाले आहार के सेवन से होती है। कैल्शियम ऑग्जेलेट या फॉस्फेट के कण अत्यधिक मात्रा में हों तो वह पेशाब के जरिये पूरी तरह नहीं निकल पाते और एक जगह एकत्र होने लगते हैं। यही कारण  पथरी का रूप ले लेते है  ज्यादा समय तक टीवी, कंप्यूटर या वीडियोगेम में उलझे रहना, तले भुने एवं वसा युक्त आहार का सेवन, मोटापा, पानी कम पीने जैसी आदतों के चलते पथरी के मामले बढ रहे हैं। राम मनोहर लोहिया अस्पताल में यूरोलॉजिस्ट डॉ राजीव सूद ने बताया पथरी बनने के कारण कैल्शियम की जमावट, मूत्राशय की नलिका में रूकावट आदि हैं। यही कारण  पथरी का रूप ले लेते है 

किडनी में पथरी के लक्षण 

1  . पथरी शरीर के किसी भी हिस्से में क्यों न हो आपको वहाँ  तीव्र दर्द जरूर महसूस होता है 

2  . पथरी होने पर रोगी को रूक- रूककर और बार - बार मूत्र आता है । कुछ रोगियों को तो मूत्र में खून और पीब भी आने लगती है , और कुछ के मूत्र का रंग बदल जाता है 

3  . रोगी को लगता उलटी दस्त होने लगते है , साथ ही उलटी की वजह से बैचैनी और थकान भी होने लगती है 

4  . मूत्र रोग या संक्रमण होने पर रोगी को तेज बुखार और कपकपी आने लगती है , उनके शरीर से पसीना बहने लगता है 

5  . गुर्दे की पथरी के ज्यादातर रोगी पीठ से पेट की तरफ आते भयंकर दर्द की शिकायत करते है 

6  . दर्द बाजू , श्रोणि , उरू मूल , गुप्तांगो तक बढ़  सकता है , यह दर्द कुछ मिनटों या घंटो तक बना रहता है तथा बीच - बीच में आराम मिलता है 

7  . गुर्दे में पथरी का दर्द रह- रहकर उठता है और कुछ मिनट से कई घंटों  तक बना रहता है इसे " रीलंन क्रोनिन " कहते है 

8  . यह रोग का प्रमुख लक्षण है , इसमें मूतवाहक नली  की पथरी में दर्दों पीठ के निचले हिस्से से उठकर जाँघों की ओर  जाता है 

                                                 



किडनी की पथरी में आहार

पथरी की बीमारी के दूसरे कारण  भी हो सकते हैं  लेकिन ज्यादातर ये खान - पान की समस्या के चलते ही होता है । नमक और शरीर के दूसरे  खनिज जब एक - दूसरे  के संपर्क में आते हैं  तो पटरी बनने लगती है । इसका कोई निर्धारित आकर नहीं होता है । कई बार तो ये इतने छोटे होते हैं कि यूरिन के साथ ही बहार निकल जाते है । लेकिन कई बार इनका आकर हैरान कर देने वाला होता है 

1  . अगर आपको पता है आपको किडनी स्टोन है तो अपने भोजन में प्रोटीन की मात्रा सयंमित  कर लें  ऐसे समय में बहुत अधिक मछली मांस के सेवन से परहेज करें 

2  . अगर आपके भोजन में सोडियम की मात्रा बहुत अधिक होती है तो ये आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है । जंक  फ़ूड , डिब्बा बंद खाना  और नमक के बहुत अधिक सेवन से बचना चाहिए 

3  . अगर आपको पथरी की शिकायत तो किसी कीमत पर ऐसी चीजों  का बहुत अधिक सेवन न करें  जिनमें ऑक्सलेट की मटर मौजूद हो । पालक , साबुत अनाज अदि में ऑक्सलेट पर्याप्त मात्रा में पाया  इन्हें खाने से परहेज करें 

4  . विटामिन सी  के बहुत अधिक सेवन से भी स्टोन बनता है । 


5  . इन पोषक तत्वों के  साथ ही कुछ ऐसी सब्जियां है जिनके बीज स्टोन का कारण  बन सकता  है । टमाटर के बीज , बैंगन के बीज , कच्चा चावल , उड़द  और चने के अधिक सेवन से स्टोन की समस्या बढ़ जाती है 

6  . एक ओर  जहां  स्टोन की समस्या हो जाने पर अधिक से अधिक पानी पीने की सलाह दी जाती है वहीँ ऐसी स्थति में कोशिश करनी चाहिए कि  कोल्ड ड्रिंक से दूर ही रहें । इसमें मौजूद फॉस्फोरिक एसिड स्टोन के खतरे को और बढ़ाता है 

किडनी में पथरी के घरेलु उपचार 


1  . पथरी होने पर प्रतिदिन नारियल पानी पीना चाहिए । इससे पथरी में काफी फायदा होता है 

2  . पथरी होने पर करेले का प्रयोग करना चाहिए । पथरी के लिए तो यह रामबाण की तरह काम करता है । करेले में मैग्नीशियम और फॉस्फोरस नामक तत्व होते है  , जो पथरी बनने से रोकते है 

3  . बड़ी इलायची के 15  दाने एक चम्मच , खरबूजे के बीज की गिरी , और दो चम्मच मिश्री एक कप पानी में मिलाकर सुबह - शाम पीने से पथरी निकल जाती है 

4  . किडनी में स्टोन के उपचार के लिए अंगूर को बहुत ही उत्तम माना जाता है । चूँकि इनमें  पोटेशियम , नमक और पानी भरपूर मात्रा में होते है इसलिए अंगूर प्राकृतिक मूत्रवर्धक के रूप में भी उत्कृष्ट रूप में कार्य करता है 

5  . पका  हुआ जामुन पथरी से निजात दिलाने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है  । पथरी होने पर पका हुआ जामुन खाना चाहिए 

6  . किडनी में स्टोन निकालने में बथुए का साग भी बहुत लाभदायक होता है । इसके लिए आप आधा किलो बथुए के साग को उबालकर छान लें । अब इस पानी में जरा सी काली मिर्च जीरा और हल्का सा सेंधा नमक , मिलाकर  दिन में चार बार पीने से शीघ्र ही फायदा होता है 

7  . पथरी में आंवला भी बहुत ही फायदा करता है । आंवला का चूर्ण मूली के साथ खाने से मूत्राशय की पथरी निकल जाती है 

8  . लगभग 70  ग्राम प्याज को पीसकर और उसका रस  निकालकर पियें । सुबह - शाम खाली पेट प्याज के रस  का नियमित सेवन करने से पथरी छोटे - छोटे टुकड़े होकर निकल जाती है

9  . जीरे और चीनी को सामान मात्रा में पीसकर एक - एक चम्मच ठन्डे पानी से रोज तीन बार लेने से लाभ होता है और पथरी निकल जाती है 

10 . आम के पत्ते छांव में सुखाकर बारीक़ पीस लें , और आठ ग्राम रोज पानी के साथ लीजिये फायदा होगा । सहजन की सब्जी खाने से गुर्दे की पथरी टूटकर बहार निकल जाती है  

11 . पथरी की समस्या से निपटने के लिए केला जरूर खाना चाहिए । क्योंकि इसमें विटामिन बी 6  होता है। विटामिन बी 6 विटामिन बी के अन्य विटामिन के साथ सेवन करना किडनी के स्टोन की इलाज में काफी मददगार साबित होता है 

12 . मिश्री , सौंफ सूखा धनिया लेकर 50 - 50  ग्राम मात्रा में लेकर डेढ़  लीटर पानी में रात को भिगोकर रख दीजिये  । अगली शाम को इसको पानी से छानकर पीस लीजिये और फिर पानी में मिलाकर  इसका घोल बना लीजिए , इस घोल को पीजिए । ऐसा नियमित रूप से करें शीघ्र ही पथरी निकल जाएगी  

13 . काम से काम एक महीना तुलसी के पत्तों के रस  के साथ शहद लेने से बहुत लाभ मिलता है । इसकी मदद से पथरी को यूरिन के रास्ते से निकलने में मदद मिलती है 

14 . जीरे को मिश्री की चाशनी या शहद के साथ लेने पर पथरी घुलकर पेशाब के साथ बहार निकल जाती है 

15 . नींबू का रस  और जैतून के तेल का मिश्रण , गुर्दे की पथरी के लिए सबसे प्रभावी प्राकृतिक उपचार में से एक है । पथरी का दर्द होने पर 60  मिली लीटर नींबू  के रस  में उतनी ही मात्रा में ऑर्गैनिक जैतून का तेल मिलाकर सेवन करने से जल्दी ही आराम मिलता है 

16 . अनानास का जूस नित्य सेवन करने से एक माह में ही पथरी गलकर निकल जाती है 

17 . बालम खीरा का सुबह - शाम आधा गिलास रस  निकालकर उसका सेवन करने से 15  दिन में ही पथरी की समस्या ख़त्म हो जाती है 

18 . किसी को अगर पथरी की शिकायत है और डॉक्टर उसे ऑपरेशन करने की सलाह दे रहा है तो थोड़ा रूकिये। पथरी होने पर 5  दिन तक सुबह और शाम एक गिलास पानी / छाछ  में थोड़ी गरम की हुई फिटकरी घोलकर पी लें , फिटकरी इतनी अवश्य ही घोले की पानी खारा  हो जाए 

19 . गुर्दे में पथरी होने पर 15  दिन तक लगातार 5 - 6  ग्राम कच्चा पपीता और उतना ही गुड़ लेकर उसमें 4  बूंद  कलौंजी का तेल मिलाकर सुबह शाम खाली पेट लें , इस दौरान पालक , टमाटर आदि का सेवन न करें  
20 . अनार का रस किडनी में स्‍टोन के खिलाफ एक बहुत ही अद्भुत और सरल घरेलू उपाय है. अनार के कई स्‍वास्‍थ्‍य लाभ के अलावा इसके बीज और रस में खट्टेपन और कसैले गुण के कारण इसे किडनी में स्‍टोन के लिए एक और प्राकृतिक उपाय के रूप में माना जाता है 

21 . मूली के पत्तों का रस 200 एम् एल दिन में दो बार लेने से पथरी रोग नष्ट हो जाता है 

22 . दो अंजीर एक गिलास पानी में उबालकर सुबह के वक़्त पीयें।  एक माह तक लेना जरूरी है  

23 . तरबूज में पानी की मात्रा ज्यादा होती है । जब तक उपलब्ध रहें  तरबूज रोज खाएं 

24 . 20  ग्राम कुल्थी दो कप पानी में उबालकर काढ़ा बना लें । सुबह के वक़्त और रात को सोने से पहले पीयें 

25 . पथरी को गलाने  के लिए चौलाई की सब्जी भी गुणकारी है । उबालकर धीरे - धीरे चबाकर खाएं  3 - 4  बार या प्रक्रिया करें 

26 . स्टूल पर चढ़कर 15 - 20 बार फर्श पर कूदें । पथरी नीचे खिसकेगी और पेशाब के रास्ते जाएगी । निर्बल व्यक्ति यह प्रयोग न करें 


27 . पथरी के रोगी को केवल आलू खिलाकर और बार - बार अधिक मात्रा में पानी पिलाते रहने से गुर्दे की पथरी और रेट आसानी से निकल जाती है । आलू में मैग्नीशियम पाया जाता है । जो पथरी को निकलता है , और पथरी बनने  से रोकता है 

28 . छुहारे भी पथरी रोग से निजात दिलवाने में सहायक होते हैं। कुछ दिनों तक लगातार छुहारों का सेवन करने से भी पथरी का रोगी ठीक हो सकता है।

29 . इलायची का सेवन पथरी रोगी के लिए अति लाभदायक बताया गया है। छोटी इलायची को खाते रहने से पथरी टूट कर मूत्र मार्ग से निकल जाती है।

30 . खरबूजे का सेवन करने से पथरी गलकर टूट जाती है और मूत्र मार्ग से बाहर निकल जाती है।

नोट  :- इस लेख में बताये गए नुस्खे आपकी जानकारी के लिए है। कोई भी उपाय करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। पहले से ली जा रही कोई भी दवा बंद न करें। असुविधा होने पर इस साइट की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी। 




















2 comments:

Dr Hashmi said...

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John peter said...

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