कब्ज क्या होता है
कब्ज, पाचन तंत्र की उस स्थिति को कहते हैं जिसमें कोई व्यक्ति (या जानवर) का मल बहुत कड़ा हो जाता है तथा मलत्याग में कठिनाई होती है। कब्ज अमाशय की स्वाभाविक परिवर्तन की वह अवस्था है, जिसमें मल निष्कासन की मात्रा कम हो जाती है, मल कड़ा हो जाता है, उसकी आवृति घट जाती है या मल निष्कासन के समय अत्यधिक बल का प्रयोग करना पड़ता है। सामान्य आवृति और अमाशय की गति व्यक्ति विशेष पर निर्भर करती है। (एक सप्ताह में 3 से 12 बार मल निष्कासन की प्रक्रिया सामान्य मानी जाती है।
पेट में शुष्क मल का जमा होना ही कब्ज है। यदि कब्ज का शीघ्र ही उपचार नहीं किया जाये तो शरीर में अनेक विकार उत्पन्न हो जाते हैं। कब्जियत का मतलब ही प्रतिदिन पेट साफ न होने से है। एक स्वस्थ व्यक्ति को दिन में दो बार यानी सुबह और शाम को तो मल त्याग के लिये जाना ही चाहिये। दो बार नहीं तो कम से कम एक बार तो जाना आवश्यक है। नित्य कम से कम सुबह मल त्याग न कर पाना अस्वस्थता की निशानी है।
कब्ज के क्या कारण होते है
1 . पानी काम पीने से कब्ज की शिकायत रह सकती है । २४ घंटे में कम से कम 3 -4 लीटर पानी या 9 -10 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए । गर्मियों में शरीर को ज्यादा पानी की जरुरत होती है और पानी न पीने पर कब्ज की शिकायत हो सकती है ।
2 . टॉयलेट जाने की जरुरत महसूस होने पर भी किसी काम में जुटे रहने या सोते रहने जैसी वजहों से मोशन को टालने से भी कब्ज की शिकायत हो सकती है ।
3 . स्मॉकिंग या तम्बाकू के दूसरे तरीकों के सेवन से भी कब्ज की शिकायत रह सकती है ।
4 . कोल्डड्रिंक या शराब जरुरत से ज्यादा पीने की वजह से ।
5 . जितनी भूख लगी है उससे काम खाना । खाने का सही तरीका है कि पेट के 70 फीसदी तक भरने तक हैल्दी खाना खाया जाए लेकिन कुछ लोग डाइटिंग के चक्कर में बहोत काम खाते है । इससे शारीर में फाइबर वाली चीजे नहीं पहुचती है और कबज हो जाता है ।
6 . ज्यादा मानसिक तनाव में रहना ।
7 . तला - भुना मसालेदार खाना ।
8 . एलोपैथिक दवाओं का जयादा सेवन करना । जैसे पेनकिलर्स या दर्द निवारक दवाएं खाने वाले भी कब्ज का शिकार हो जाते है ।
9 . वक्त - बेवक्त खाना
10 . कई बीमारिया भी कब्ज की वजह बनती है ।
11 . हार्मोन्स की प्रॉब्लम , थाइराईड या शुगर से भी कब्ज हो जाती है ।
12 . किसी भी तरह की शारीरिक मेहनत न करने वालो को भी कब्ज हो सकती है । लगातार घंटो बैठकर काम करने वालो को भी कब्ज की शिकायत रह सकती है ।
13 . ऐसे व्यक्ति जो खाने को चबाकर नहीं खाते है उन्हें भी कब्ज की शिकायत होती है ।
कब्ज के लक्षण
1 . कब्ज का पहला लक्षण यही होता है की इससे मल सख्त हो जाता है जिसकी वजह से इन्हे मल त्याग में अधिक बल लगाना पड़ता है ।
2 . ऐसे लोग प्रतिदिन मलत्याग के लिए नहीं जाते जिससे इनकी परेशानी बढ़ जाती है , और इनके मल की गांठे बन जाती है ।
3 . कब्ज से पीडीत रोगियों के पेट में गैस बनने लगती है जो इनके दिमाग तक चढ़ जाती है ।
4 . ऐसे लोगो की जीभ सफ़ेद या मटमैली हो जाती है , और इनके मुंह का स्वाद भी ख़राब हो जाता है साथ ही इनके मुंह से बदबू भी आने लगती है ।
5 . कब्ज के रोगियों को भूख भी नहीं लगती साथ ही इनका जी मचलाता रहता है और इनकी आँखों के नीचे काले धब्बे पड जाते है ।
6 . सामान्तया इनके मुंह में छाले , रक्त चाप का बढ़ना , मुहासे निकलना , गठिया और मोतियाबिंद जैसी समस्या होना सम्भव है ।
7 . इनकी मानसिक और शारीरिक शक्ति कम हो जाती है । और इनमे आलस और चिड़चिड़ापन बढ जाता है जिसके कारण इनके शारीर का रंग फीका पढ़ने लगता है ।
8 . कब्ज के रोगियों को भूख नहीं लगती , साथ हे इनका जी मचलाता रहता है और इनकी आँखों के नीचे काले धब्बे पड़ जाते है ।
9 . इनकी मानसिक और शारीरिक शक्ति काम हो जाती है और इनमे आलस और चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है , जिसके कारण इनके शरीर का रंग फीका पड़ने लगता है ।
ऐसे कई प्रकार के लक्षण साबित करता है की व्यक्ति कब्ज से पीड़ित है , और कब्ज अगर जयादा दिन तक रहा तो वो व्यक्ति निश्चित ही बवासीर से भी पीड़ीत हो सकता है ।
कब्ज का रामबाण इलाज
शरीर चुस्त -दुरुस्त हो तो इंसान का मन - मष्तिष्क भी पूरी तरह से सक्रिय बन रहता है । हमारे शरीर में पेट एक ऐसा केंद्र है जिसको यदि किन्ही उपायों से फिट रखा जा सके तो शरीर और मन दोनों जोश और उत्साह से भरपूर रहते है । आइये जाने उन बेहद सरल घरेलू उपयो को जो कब्जियत को तो जड़ से मिटाते ही है साथ ही पेट के पहले जैसे प्राकृतिक स्वरुप को भी लौटाते है।..........
1 . गलत समय पर गलत खान- पान के चक्कर में व्यक्ति आए दिन कब्ज से परेशां रहता है , इससे बचने के लिए त्रिफला यानि हरड़ , बहेड़ा और आंवला के मिक्सचर चूर्ण को लगातार 6 माह तक बराबर पानी के साथ सोते समय लेने से कब्ज की परेशानी हमेशा के लिए दूर हो जाती है ।
2 . जो रोगी काफी कमजोर हो या बालक हो तो आंवला पीस कर नाभि के चारों और दीवाल सी बना दो, उसी के भीतर अदरक का रस भर दो, दो घंटे रोगी को लेटा रहने दो, जुलाब की बगैर किसी तेज हानिकारक दवाई के ही महीनों पुराना सारा मल साफ हो जाता है।
3 . सुबह खाली पेट गुनगुने गर्म पानी में एक चुटकी काला नमक डालें और उसे पीकर 15 मिनट तक घूम लें कब्ज में अवश्य ही राहत मिलेगी।
4 . भोजन में काला नमक, आधा नीबू, सिका जीरा, हींग, और मौसम के अनुसार उपलब्ध सलाद को शामिल करने से कब्ज और पेट की दूसरी तमाम समस्याओं से स्थाई रूप से छुटकारा पाया जा सकता है।
5 . भोजन हमेशा समय पर करे ।
6 . प्रतिदिन सुबह देसी शहद में नीबू रस मिलकर चाटे ।
7 . हींग , लसुन , चद गुप्पा ये तीनो बूटियाँ पीसकर गोली बनाकर छांव में सुख लें , व प्रतिदिन एक गोली खाएं ।
8 . भोजन के समय सादे पानी के बजाय अजवाइन का उबला पानी प्रयोग करे ।
9 . लहसुन , जीरा १० ग्राम घी में भूनकर भोजन से पहले खाये ।
10 . सौंठ पाउडर शहद या गरम पानी से खाएं ।
11 . लौंग का उबला पानी रोज पीये ।
12 . जीरा , सौंफ , अजवाइन इनको सुखाकर पावडर बना लें , शहद के साथ भोजन से पहले प्रयोग करे ।
13 . पके टमाटर का रास एक कप पीने से पुरानी कब्ज दूर होती है और आंतो को भी ताकत मिलती है ।
14 . रात में सोते समय १ से 2 चम्मच अलसी के बीज ताजे पानी से निगल लें । आंतो की खुश्की दूर होकर मल साफ़ होगा।
15 . 2 अंजीर को रात को पानी में भिगोकर सुबह चबाकर पानी पेट साफ़ हो जाता है ।
16 . गाजर के रस का रोजाना सेवन करने से कब्ज ठीक हो जाती है ।
17 . गिलोय के बारीक चूर्ण को गुड़ के साथ बराबर की मात्रा मिलाकर २ चम्मच सोते समय सेवन करने से कब्ज रोग दूर हो जाता है ।
18 . अमरुद और पपीता ये दोनों फल कब्ज रोगी के लिए बहुत अच्छे होते है ।ये फल दिन में किसी भी समय खाये जा सकते है इन फलो में पर्याप्ते रेशा होता है , जो आंतों देता है ।
19 . बेकिंग सोडा लेने से भी कब्ज की समस्या पूरी तरह ठीक हो सकती है । इसका सेवन करने के लिए 1 /4 कप गर्म 1 चम्मच बेकिंग सोडा मिलाकर पानी पिए ।
20 . सुबह खाली पेट 1 चम्मच जैतून तेल सेवन करने से फायदा होता है । आप चाहें तो इसमें नीबू का रस भी मिलाकर सेवन कर सकते हैं । जैतून का तेल कब्ज दूर कर देता है , इससे पेट आराम से साफ़ हो जाता है ।
21 . खाने के साथ रोज एक कटोरी दही कहना पेट के लिए बहुत लाभदायक होता है ।
22 . एक गिलास दूध में 1 चम्मच घी मिलकर रात को सोते समय से भी कब्ज से पूरी तरह छुटकारा मिल सकता है ।
23 . गुनगुने दूध में 3 खजूर डालकर सेवन हफ्ते भर तक करें , आपको आराम जरूर मिलेगा ।
24 . दूध या पानी के साथ 1 - 2 चम्मच इसबगोल की भूसी रात को सोते समय लें । यह आंतो के काम को तेज करता है ,जिससे पेट खुलकर साफ़ हो जाता है ।
25 . दिन में दो बार आधा गिलास पत्ता गोभी का जूस पीने से राहत मिलती है ।
26 . रोज दिन में दो बार आधा गिलास पालक का जूस पियें । इससे आपको बहोत आराम मिलेगा ।
27 . इस रोग को भागने के लिए प्राणायाम और योग भी फायदेमंद होता है ।
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