गले में खराश होना या गले में खराश रहना एक आम समस्या हैं । बदलता मौसम , प्रदूषित हवा , गलत खान - पान , अधिक ठंडे खाद्य पदार्थों का उपयोग करना , और किसी बीमार व्यक्ति के संपर्क में रहने से गले में खराश और दर्द होने की समस्या पैदा होती हैं। अपने गले का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है , नहीं तो इसके कारण कई समस्या पैदा हो सकती हैं।
गला बैठने का कारण
1 . ठंड लगने तथा सीलनयुक्त स्थान में रहने के कारण गला बैठ सकता हैं।
2 . ठंडी चीजों का भोजन में अधिक प्रयोग करने के कारण भी यह रोग हो सकता हैं।
3 . अधिक गाना गाने , चीखने - चिल्लाने तथा जोर - जोर से भाषण देने से रोगी का गला बैठ जाता हैं।
4 . शरीर के अंदर किसी तरह का दूषित द्रव्य जमा हो जाने पर जब यह दूषित द्रव्य किसी तरह से हलक तक पहुँच जाता हैं तो गला बैठ जाता हैं।
गला ख़राब होने पर घरेलू उपचार
1 . गला ख़राब होने गुनगुने पानी में नमक मिलकर दिन में दो - तीन बार गरारे करें। गरारे करने के तुरंत बाद कुछ ठंडा न लें। गर्म चाय या गुनगुना पानी पिएं जिससे गले को आराम मिलेगा।
2 . कच्चा सुहागा आधा ग्राम मुंह में रखें और उसका रस . दो तीन घंटों में ही गला बिलकुल साफ़ हो जाएगा।
3 . सोते समय एक ग्राम मुलहठी की छोटी से गांठ मुख में रखकर कुछ देर चबाते रहें। फिर मुंह में रखकर सो जाए। सुबह तक गला साफ़ हो जायेगा।
4 . मुलहठी चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर लिया जाए तो और भी अच्छा रहेगा। इससे सुबह गला खुलने के साथ - साथ गले का दर और सूजन भी दूर हो जाती हैं।
5 . रात को सोते समय सात काली मिर्च और उतने ही बताशे जाए। बताशे न मिलें तो काली मिर्च व मिश्री मुंह में रखकर धीरे - धीरे चूसते रहने से बैठा गला खुल जाता हैं।
6 . जिन व्यक्तियों के गले में निरंतर खराश रहती हैं या जुकाम में एलर्जी के कारण गले में तकलीफ बनी रहती हैं , . वह सुबह - शाम दोनों वक्त चार - पांच मुनक्का के दानों को खूब चबाकर खा लें , लेकिन ऊपर से पाने न पिएं। दस दिनों तक ऐसा लगातार करने से लाभ होगा।
7 . गले में खराश रहने पर एक कप पानी में 4 - 5 काली मिर्च एवम तुलसी की थोड़ी से पत्तियों को उबालकर काढ़ा बना लें और उस काढ़े को पी जाए। इससे आराम मिलेगा
8 . गले में खराश होने पर रात को सोते समय दूध और आधा पानी मिलाकर पिएं।
9 . गुनगुने पानी में सिरका डालकर गरारे करने से भी गले के रोग दूर हो जाते हैं।
10 . गले में खराश होने पर पालक के पत्तों को पीसकर इसकी पट्टी बनाकर गले में बांधें। इस पट्टी को 15 - 20 मिनिट बाद खोल दें। इससे भी आराम मिलता हैं।
11 . काली मिर्च को २ बादाम के साथ पीसकर सेवन करने से गले के रोग दूर हो जाते हैं।
12 . 5 अंजीर पानी में डालकर उबाल लें और इस छानकर इस पानी को गर्म - गर्म सुबह और शाम को पीने से ख़राब गले में लाभ मिलता हैं ,
13 . गले में खराश होने पर सुबह - सुबह सौंफ चबाने से बंद गला खुल जाता हैं।
14 . गले में खराश होने पर तुलसी की पत्तियों को पानी के साथ उबाल लें। और फिर ठंडा कर लें। इस मिक्चर से दिन में कई बार गरारे करें।
15 . गले में गर्माहट पहुँचाने के लिए और संक्रमण से दर्द में राहत पहुँचाने के लिए यह बहुत ही कारगर उपाय हैं। इसके लिए चार अदरक को बारीक़ पीसकर शहद में मिलाएं। और इसमें काली मिर्च डालकर पेस्ट बना लें। थोड़ी - थोड़ी देर में इसे मुंह में डालें।
16 . एक गिलास पानी उबाल लें। इसमें एक चुटकी पिसी हुई लौंग , एक चुटकी काली मिर्च पाउडर और एक चम्मच शहद मिलाएं और रोज सुबह इस पिएं। गले को आराम मिलेगा।
17 . पानी में कुछ मेथी दाने डालकर गर्म कर लें। फिर पानी को छानकर उसके गरारे करें। इससे गले को आराम मिलेगा और संक्रमण जल्दी ख़त्म होगा।
18 . पानी में चीनी , चायपत्ती और तेजपत्ता डालकर उबालें। और फिर छानकर चाहे तो दूध मिलाएं। तेजपत्ते की चाय पीने से गले को आराम मिलेगा। और रिकवर होने में आसानी होगी।
19 . कई बार गला सूखने के कारण भी इंफेक्शन की शिकायत होती हैं। ऐसे में किसी बड़े बर्तन में गरम पानी करके तौलिये से मुंह ढांककर भाप लें। ऐसा करने से भी गले की सिकाई होगी और गले का इंफेक्शन भी ख़त्म होगा। इस क्रिया को दिन में दो बार किया हैं।
20 . दूध में थोड़ी से हल्दी डालकर इसे उबाल लें और बिस्तर पर जाने से पहले इस पिएं।
21 . कालीमिर्च को दो बादाम के साथ पीसकर सेवन करने से गले के रोग दूर होते हैं।
22 . भोजन के बाद चुटकी भर काली मिर्च को एक चम्मच घी में मिलाकर खाने से बैठा हुआ गला और रुकी हुई आवाज साफ़ हो जाती हैं।
23 . फिटकरी को तवे पर गर्म करके फुला लें। इसे पीस लें। आधा चम्मच पिसी हुई फिटकरी एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर गरारे करें। दिन में तीन चार बार गरारे करने से गले का सूजन , गले का दर्द आदि ठीक हो जाते हैं।
24 . एक कप दूध में चौथाई चम्मच सौंठ का चूर्ण और चौथाई चम्मच हल्दी का चूर्ण मिलाकर उबाल लें। इसे छानकर पीने से गले के हर प्रकार की तकलीफ में आराम आ जाता हैं।
25 . दो गिलास पानी में दो चम्मच अजवाइन डालकर दस मिनिट उबालें। फिर उसे छान लें। इस पानी में थोड़ा सा नमक डालकर सुबह और शाम गरारे करें। इससे गले में दर्द , सूजन आदि में तुरंत आराम आ जाता हैं।
नोट :- इस लेख में बताये गए नुस्खे आपकी जानकारी के लिए है। कोई भी उपाय करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। पहले से ली जा रही कोई भी दवा बंद न करें। असुविधा होने पर इस साइट की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी।
1 . गला ख़राब होने गुनगुने पानी में नमक मिलकर दिन में दो - तीन बार गरारे करें। गरारे करने के तुरंत बाद कुछ ठंडा न लें। गर्म चाय या गुनगुना पानी पिएं जिससे गले को आराम मिलेगा।
2 . कच्चा सुहागा आधा ग्राम मुंह में रखें और उसका रस . दो तीन घंटों में ही गला बिलकुल साफ़ हो जाएगा।
3 . सोते समय एक ग्राम मुलहठी की छोटी से गांठ मुख में रखकर कुछ देर चबाते रहें। फिर मुंह में रखकर सो जाए। सुबह तक गला साफ़ हो जायेगा।
4 . मुलहठी चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर लिया जाए तो और भी अच्छा रहेगा। इससे सुबह गला खुलने के साथ - साथ गले का दर और सूजन भी दूर हो जाती हैं।
5 . रात को सोते समय सात काली मिर्च और उतने ही बताशे जाए। बताशे न मिलें तो काली मिर्च व मिश्री मुंह में रखकर धीरे - धीरे चूसते रहने से बैठा गला खुल जाता हैं।
6 . जिन व्यक्तियों के गले में निरंतर खराश रहती हैं या जुकाम में एलर्जी के कारण गले में तकलीफ बनी रहती हैं , . वह सुबह - शाम दोनों वक्त चार - पांच मुनक्का के दानों को खूब चबाकर खा लें , लेकिन ऊपर से पाने न पिएं। दस दिनों तक ऐसा लगातार करने से लाभ होगा।
7 . गले में खराश रहने पर एक कप पानी में 4 - 5 काली मिर्च एवम तुलसी की थोड़ी से पत्तियों को उबालकर काढ़ा बना लें और उस काढ़े को पी जाए। इससे आराम मिलेगा
8 . गले में खराश होने पर रात को सोते समय दूध और आधा पानी मिलाकर पिएं।
9 . गुनगुने पानी में सिरका डालकर गरारे करने से भी गले के रोग दूर हो जाते हैं।
10 . गले में खराश होने पर पालक के पत्तों को पीसकर इसकी पट्टी बनाकर गले में बांधें। इस पट्टी को 15 - 20 मिनिट बाद खोल दें। इससे भी आराम मिलता हैं।
11 . काली मिर्च को २ बादाम के साथ पीसकर सेवन करने से गले के रोग दूर हो जाते हैं।
12 . 5 अंजीर पानी में डालकर उबाल लें और इस छानकर इस पानी को गर्म - गर्म सुबह और शाम को पीने से ख़राब गले में लाभ मिलता हैं ,
13 . गले में खराश होने पर सुबह - सुबह सौंफ चबाने से बंद गला खुल जाता हैं।
14 . गले में खराश होने पर तुलसी की पत्तियों को पानी के साथ उबाल लें। और फिर ठंडा कर लें। इस मिक्चर से दिन में कई बार गरारे करें।
15 . गले में गर्माहट पहुँचाने के लिए और संक्रमण से दर्द में राहत पहुँचाने के लिए यह बहुत ही कारगर उपाय हैं। इसके लिए चार अदरक को बारीक़ पीसकर शहद में मिलाएं। और इसमें काली मिर्च डालकर पेस्ट बना लें। थोड़ी - थोड़ी देर में इसे मुंह में डालें।
16 . एक गिलास पानी उबाल लें। इसमें एक चुटकी पिसी हुई लौंग , एक चुटकी काली मिर्च पाउडर और एक चम्मच शहद मिलाएं और रोज सुबह इस पिएं। गले को आराम मिलेगा।
17 . पानी में कुछ मेथी दाने डालकर गर्म कर लें। फिर पानी को छानकर उसके गरारे करें। इससे गले को आराम मिलेगा और संक्रमण जल्दी ख़त्म होगा।
18 . पानी में चीनी , चायपत्ती और तेजपत्ता डालकर उबालें। और फिर छानकर चाहे तो दूध मिलाएं। तेजपत्ते की चाय पीने से गले को आराम मिलेगा। और रिकवर होने में आसानी होगी।
19 . कई बार गला सूखने के कारण भी इंफेक्शन की शिकायत होती हैं। ऐसे में किसी बड़े बर्तन में गरम पानी करके तौलिये से मुंह ढांककर भाप लें। ऐसा करने से भी गले की सिकाई होगी और गले का इंफेक्शन भी ख़त्म होगा। इस क्रिया को दिन में दो बार किया हैं।
20 . दूध में थोड़ी से हल्दी डालकर इसे उबाल लें और बिस्तर पर जाने से पहले इस पिएं।
21 . कालीमिर्च को दो बादाम के साथ पीसकर सेवन करने से गले के रोग दूर होते हैं।
22 . भोजन के बाद चुटकी भर काली मिर्च को एक चम्मच घी में मिलाकर खाने से बैठा हुआ गला और रुकी हुई आवाज साफ़ हो जाती हैं।
23 . फिटकरी को तवे पर गर्म करके फुला लें। इसे पीस लें। आधा चम्मच पिसी हुई फिटकरी एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर गरारे करें। दिन में तीन चार बार गरारे करने से गले का सूजन , गले का दर्द आदि ठीक हो जाते हैं।
24 . एक कप दूध में चौथाई चम्मच सौंठ का चूर्ण और चौथाई चम्मच हल्दी का चूर्ण मिलाकर उबाल लें। इसे छानकर पीने से गले के हर प्रकार की तकलीफ में आराम आ जाता हैं।
25 . दो गिलास पानी में दो चम्मच अजवाइन डालकर दस मिनिट उबालें। फिर उसे छान लें। इस पानी में थोड़ा सा नमक डालकर सुबह और शाम गरारे करें। इससे गले में दर्द , सूजन आदि में तुरंत आराम आ जाता हैं।
नोट :- इस लेख में बताये गए नुस्खे आपकी जानकारी के लिए है। कोई भी उपाय करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। पहले से ली जा रही कोई भी दवा बंद न करें। असुविधा होने पर इस साइट की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी।