आज हम यहाँ थायराइड के बारे में जानेंगे की थायराइड होता क्या हैं। इसके कारण , इसके लक्षण और इसके घरेलू उपचार के बारे में जानेंगे। सबसे पहले हम ये जानते हैं की थायराइड होता क्या है।
थायराइड ग्रंथि गर्दन में श्वास नली के ऊपर एवम स्वर तंत्र के दोनों और दो भागों में बनी होती हैं। थायराइड मानव शरीर में पाए जाने वाले एंडोक्राइन ग्लैंड में से एक हैं , यह थाइरॉक्सिन हार्मोन बनाती हैं। जिससे शरीर के ऊर्जा क्षय, प्रोटीन उत्पादन एवं अन्य हार्मोन के प्रति होने वाली संवेदनशीलता नियंत्रित होती हैं। यह ग्रंथि शरीर के मेटाबोलिजम को नियंत्रित करती हैं। यानि जो भोजन हम खाते हैं यह उसे ऊर्जा में बदलने का काम करती हैं। इसके अलावा यह ह्रदय , मासपेशयों ,हड्डियों और कोलेस्ट्रॉल को भी प्रभावित करती हैं।
शुरुआती दौर में थायराइड के किसी भी लक्षण का पता आसानी से नहीं चल पाता हैं। क्योंकि गर्दन में छोटी से गांठ सामान्य ही मान ली जाती है , और जब तक इसे गंभीरता से लिया जाता है , तब तक यह भयानक रूप ले।
थायराइड के प्रकार
थायराइड के दो प्रकार होते हैं। जो एक दूसरे से पूरी तरह अलग होते हैं , साथ ही इसके लक्षण भी एक दूसरे से अलग ही होते हैं।
1 . हाइपोथायराइडिज्म ( Hypothyrodism) :- इसमें थायराइड ग्रंथि हार्मोन के स्तर में कमी कर देती हैं। इसमें व्यक्ति को किसी तरह का रोग नहीं होता बल्कि उसकी चयापचय की गति धीमी हो जाती हैं। इसका इलाज करने के लिए मरीर को थाइराइड हार्मोन ही दिए जाते हैं। कोई व्यक्ति हाइपोथायराइडिज्म हाँ या नहीं इसका पता T 3 और T 4 या फिर T S H की वृद्धि से किया जा सकता हैं।
हाइपोथायराइडिज्म के लक्षण
थायराइड के दो प्रकार होते हैं। जो एक दूसरे से पूरी तरह अलग होते हैं , साथ ही इसके लक्षण भी एक दूसरे से अलग ही होते हैं।
1 . हाइपोथायराइडिज्म ( Hypothyrodism) :- इसमें थायराइड ग्रंथि हार्मोन के स्तर में कमी कर देती हैं। इसमें व्यक्ति को किसी तरह का रोग नहीं होता बल्कि उसकी चयापचय की गति धीमी हो जाती हैं। इसका इलाज करने के लिए मरीर को थाइराइड हार्मोन ही दिए जाते हैं। कोई व्यक्ति हाइपोथायराइडिज्म हाँ या नहीं इसका पता T 3 और T 4 या फिर T S H की वृद्धि से किया जा सकता हैं।
हाइपोथायराइडिज्म के लक्षण
1 . चेहरे का फूल जाना।
2 . त्वचा का शुष्क होना।
3 . डिप्रेशन।
4 . वजन का अचानक बढ़ना।
5 . थकान होना।
6 . शरीर में पसीने की कमी।
7 . दिल की गति का कम होना।
8 . अनियमित या अधिक माहवारी का होना।
9 . कब्ज बने रहना।
2 . हाइपरथाइराइडिज्म ( Hyperthyroidism ) :- इसमें थायराइड ग्रंथि हार्मोन के स्टार में वृद्धि कर देती हैं। इसमें व्यक्ति को ग्रेव्स रोग होने की पूरी सम्भावना रहती हैं। साथ ही उसकी चपाचय की गति तेज हो जाती हैं। इनका इलाज करने के लिए रोगी को थायराइड रोगी को थायराइड विरोधी दवाएं दी जाती हैं। हाइपरथाइराइडिज्म में व्यक्ति के शरीर में T 3 और T 4 वृद्धि हो जाती हैं। जबकि T S H की मात्रा कम हो जाती हैं।
हाइपरथाइराइडिज्म के लक्षण
1 . बालों का झड़ना।
2 . हाथों में कंपन होना।
3 . अधिक पसीना आना।
4 . वजन कम होना।
5 . खुजली व त्वचा का लाल होना।
6 . दिल की धड़कन बढ़ना।
7 . कमजोरी महसूस होना।
2 . त्वचा का शुष्क होना।
3 . डिप्रेशन।
4 . वजन का अचानक बढ़ना।
5 . थकान होना।
6 . शरीर में पसीने की कमी।
7 . दिल की गति का कम होना।
8 . अनियमित या अधिक माहवारी का होना।
9 . कब्ज बने रहना।
2 . हाइपरथाइराइडिज्म ( Hyperthyroidism ) :- इसमें थायराइड ग्रंथि हार्मोन के स्टार में वृद्धि कर देती हैं। इसमें व्यक्ति को ग्रेव्स रोग होने की पूरी सम्भावना रहती हैं। साथ ही उसकी चपाचय की गति तेज हो जाती हैं। इनका इलाज करने के लिए रोगी को थायराइड रोगी को थायराइड विरोधी दवाएं दी जाती हैं। हाइपरथाइराइडिज्म में व्यक्ति के शरीर में T 3 और T 4 वृद्धि हो जाती हैं। जबकि T S H की मात्रा कम हो जाती हैं।
हाइपरथाइराइडिज्म के लक्षण
1 . बालों का झड़ना।
2 . हाथों में कंपन होना।
3 . अधिक पसीना आना।
4 . वजन कम होना।
5 . खुजली व त्वचा का लाल होना।
6 . दिल की धड़कन बढ़ना।
7 . कमजोरी महसूस होना।
थायराइड रोग के कारण
1 . आप अपने भोजन में नमक का कम सेवन करते हैं तो उससे आपके शरीर में आयोडीन की कमी हो जाती हैं। जिससे थायराइड रोग होने की संभावना बढ़ जाती हैं।
2 . दवाओं का अधिक सेवन , सोया प्रोटीन का सेवन भी थायराइड की समस्या पैदा करता हैं।
3 . चिंता और तनाव भी थायराइड होने की संभावना को बढ़ाता हैं।
4 . टॉन्सिल्स , सिर और थाइमस ग्रंथि की परेशानी में एक्स रे कराना भी थायराइड का कारण बन सकता हैं।
5 . परिवार में किसी को पहले से ही थायराइड की समस्या हो तो भी एक मुख्य कारण बन सकता हैं।
6 . ग्रेव्स रोग थायराइड का सबसे बड़ा कारण हैं। इसमें थायराइड ग्रंथि से थायराइड हार्मोन का स्त्राव बहुत बढ़ जाता हैं। ग्रेव्स रोग आनुवांशिक कारणों से संबंधित वंशानुगत विकार हैं। इसलिए थायराइड रोग एक ही परिवार के कई लोगों को प्रभावित कर सकता हैं।
7 . थायराइड की समस्या पिट्यूटरी ग्रंथि के कारण भी होती हैं क्योंकि यह थायराइड ग्रंथि हार्मोन को उत्पादन करने के संकेत नहीं दे पाती।
8 . सिर, गर्दन और चेस्ट की विकिरण थैरिपी के कारण।
9 . रजोनिवृत्ति भी थायराइड का एक हैं।
10 . थायराइड का अगला कारण हैं गर्भावस्था।
थायराइड का घरेलू उपचार
1 . सुबह खाली पेट लौकी का जूस पिएं।
2 . अखरोट और बादाम में सेलेनियम नामक तत्व पाए जाते हैं। जो थायराइड के उपचार में फायदेमंद हैं।
3 . रात को सोते समय गाय के गर्म दूध के साथ एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण का सेवन करें।
4 . रोज कम से कम 10 - 12 गिलास पानी पिएं। इससे बॉडी का वेस्ट मटीरियल बहार निकलने में मदद मिलती हैं और थायराइड फंक्शन बेहतर काम करता हैं।
2 . ओट्स खाएं ओट्स हमें हेल्दी रखने के साथ - साथ थायराइड से राहत देने में भी काफी मदद करता हैं।
3 . रोज सुबह एक गिलास दूध में एक चम्मच नारियल का तेल मिलकर पियें। थायराइड से राहत मिलेगी।
4 . अपनी डाइट में रिच आयोडीन वाले फ़ूड शामिल करें। इससे थायराइड फक्शन सही रखने में मदद मिलेगी। सी फ़ूड , मछलियाँ , पत्ता गोभी और गाजर में भरपूर आयोडीन होता हैं।
5 . खाना बनाने के लिए नारियल के तेल का प्रयोग करें।
6 . सनफ्लॉवर सीड भूनकर रख लें। इन्हें रोज - सुबह शाम एक चम्मच अच्छी तरह चबा - चबाकर खाएं। इनसे बॉडी को कॉपर मिलेगा। और थायराइड की आशंका काम होगी।
7 . अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल करें। इससे पर्याप्त आयरन मिलेगा।
8 . मशरूम खाने से थायराइड की आशंका घटती हैं।
9 . रोज सुबह उठने के बाद गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद और आधा चम्मच एप्पल विनेगर डालकर पिएं।
10 . आधा चम्मच एलोवेरा जूस में दो बूँद तुलसी की पत्तियों का रस मिलाएं। दिन में 2 बार इस पिएं।
11 . रोज एक चम्मच भूनी हल्दी का पाउडर खाकर गुनगुना पानी पी लें। हल्दी वाला दूध भी पी सकते हैं।
12 . चाय में जरा सी काली मिर्च और सौंठ डालकर पिएं। थायराइड की शिकायत दूर होगी।
13 . रोज सुबह - शाम कच्चा लहसुन और प्याज खाएं। जो थायराइड फंक्शन सही रखने में मदद करेगा।
14 . एक गिलास पानी में 2 चम्मच साबुत धनिया रातभर भिगोकर रखें। सुबह इस पानी को उबालें और चुटकी भर नमक डालकर छानकर इस पी जाएं।
15 . रात को सोने से पहले एक कप पालक के रस में आधा नींबू का रस मिलाकर पिएं।
16 . फूल गोभी , पत्ता गोभी और ब्रोकली से दूर रहें। ये थायराइड फंक्शन को कमजोर करता हैं।
17 . सोया फ़ूड और सोया ऑइल खाने से बचें।
18 . जंक फ़ूड और फ़ास्ट फ़ूड से बचें।
19 . थायराइड की समस्या झेल रहे लोगों को प्रतिदिन अदरक का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए।
20 . थायराइड होने पर विटामिन डी का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए।
21 . थायराइड की समस्या में मुलेठी का प्रयोग बहुत लाभदायक होता हैं।
22 . थायराइड से पीड़ीत लोगों को नित्य थोड़ी देर वयायाम करना चाहिए।
1 . आप अपने भोजन में नमक का कम सेवन करते हैं तो उससे आपके शरीर में आयोडीन की कमी हो जाती हैं। जिससे थायराइड रोग होने की संभावना बढ़ जाती हैं।
2 . दवाओं का अधिक सेवन , सोया प्रोटीन का सेवन भी थायराइड की समस्या पैदा करता हैं।
3 . चिंता और तनाव भी थायराइड होने की संभावना को बढ़ाता हैं।
4 . टॉन्सिल्स , सिर और थाइमस ग्रंथि की परेशानी में एक्स रे कराना भी थायराइड का कारण बन सकता हैं।
5 . परिवार में किसी को पहले से ही थायराइड की समस्या हो तो भी एक मुख्य कारण बन सकता हैं।
6 . ग्रेव्स रोग थायराइड का सबसे बड़ा कारण हैं। इसमें थायराइड ग्रंथि से थायराइड हार्मोन का स्त्राव बहुत बढ़ जाता हैं। ग्रेव्स रोग आनुवांशिक कारणों से संबंधित वंशानुगत विकार हैं। इसलिए थायराइड रोग एक ही परिवार के कई लोगों को प्रभावित कर सकता हैं।
7 . थायराइड की समस्या पिट्यूटरी ग्रंथि के कारण भी होती हैं क्योंकि यह थायराइड ग्रंथि हार्मोन को उत्पादन करने के संकेत नहीं दे पाती।
8 . सिर, गर्दन और चेस्ट की विकिरण थैरिपी के कारण।
9 . रजोनिवृत्ति भी थायराइड का एक हैं।
10 . थायराइड का अगला कारण हैं गर्भावस्था।
थायराइड का घरेलू उपचार
1 . सुबह खाली पेट लौकी का जूस पिएं।
2 . अखरोट और बादाम में सेलेनियम नामक तत्व पाए जाते हैं। जो थायराइड के उपचार में फायदेमंद हैं।
3 . रात को सोते समय गाय के गर्म दूध के साथ एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण का सेवन करें।
4 . रोज कम से कम 10 - 12 गिलास पानी पिएं। इससे बॉडी का वेस्ट मटीरियल बहार निकलने में मदद मिलती हैं और थायराइड फंक्शन बेहतर काम करता हैं।
2 . ओट्स खाएं ओट्स हमें हेल्दी रखने के साथ - साथ थायराइड से राहत देने में भी काफी मदद करता हैं।
3 . रोज सुबह एक गिलास दूध में एक चम्मच नारियल का तेल मिलकर पियें। थायराइड से राहत मिलेगी।
4 . अपनी डाइट में रिच आयोडीन वाले फ़ूड शामिल करें। इससे थायराइड फक्शन सही रखने में मदद मिलेगी। सी फ़ूड , मछलियाँ , पत्ता गोभी और गाजर में भरपूर आयोडीन होता हैं।
5 . खाना बनाने के लिए नारियल के तेल का प्रयोग करें।
6 . सनफ्लॉवर सीड भूनकर रख लें। इन्हें रोज - सुबह शाम एक चम्मच अच्छी तरह चबा - चबाकर खाएं। इनसे बॉडी को कॉपर मिलेगा। और थायराइड की आशंका काम होगी।
7 . अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल करें। इससे पर्याप्त आयरन मिलेगा।
8 . मशरूम खाने से थायराइड की आशंका घटती हैं।
9 . रोज सुबह उठने के बाद गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद और आधा चम्मच एप्पल विनेगर डालकर पिएं।
10 . आधा चम्मच एलोवेरा जूस में दो बूँद तुलसी की पत्तियों का रस मिलाएं। दिन में 2 बार इस पिएं।
11 . रोज एक चम्मच भूनी हल्दी का पाउडर खाकर गुनगुना पानी पी लें। हल्दी वाला दूध भी पी सकते हैं।
12 . चाय में जरा सी काली मिर्च और सौंठ डालकर पिएं। थायराइड की शिकायत दूर होगी।
13 . रोज सुबह - शाम कच्चा लहसुन और प्याज खाएं। जो थायराइड फंक्शन सही रखने में मदद करेगा।
14 . एक गिलास पानी में 2 चम्मच साबुत धनिया रातभर भिगोकर रखें। सुबह इस पानी को उबालें और चुटकी भर नमक डालकर छानकर इस पी जाएं।
15 . रात को सोने से पहले एक कप पालक के रस में आधा नींबू का रस मिलाकर पिएं।
16 . फूल गोभी , पत्ता गोभी और ब्रोकली से दूर रहें। ये थायराइड फंक्शन को कमजोर करता हैं।
17 . सोया फ़ूड और सोया ऑइल खाने से बचें।
18 . जंक फ़ूड और फ़ास्ट फ़ूड से बचें।
19 . थायराइड की समस्या झेल रहे लोगों को प्रतिदिन अदरक का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए।
20 . थायराइड होने पर विटामिन डी का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए।
21 . थायराइड की समस्या में मुलेठी का प्रयोग बहुत लाभदायक होता हैं।
22 . थायराइड से पीड़ीत लोगों को नित्य थोड़ी देर वयायाम करना चाहिए।
नोट :- इस लेख में बताये गए नुस्खे आपकी जानकारी के लिए है। कोई भी उपाय करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। पहले से ली जा रही कोई भी दवा बंद न करें। असुविधा होने पर इस साइट की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी।