नस पर नस चढ़ना एक आम समस्या बन चुकी है। क्या आप जानते है कि इस बीमारी के क्या नुकसान हो सकते हैं। कई बार रात को सोते समय टांगों में ऐंठन की समस्या होती हैं। ये नस पर नस चढ़ने के कारण ही होता हैं , इस रोग में टांगों तथा पिंडलियों में हल्का दर्द महसूस होता हैं। इसे पैरों में दर्द , जलन , पैर सुन्न होना, झनझनाहट तथा सुई चुभने जैसा महसूस होता हैं।
नस पर नस चढ़ने के कारण
1 . मधुमेह के कारण।
2 . शरीर में जल , खून इ सोडियम , पोटेशियम , कैल्शियम , मैग्नीशियम कम होने पर।
3 . पेशाब ज्यादा करने वाली डाययूरेटिक दवाओं जैसे लेसिक्स खाने के कारण शरीर में जल , खनिज लवण की मात्रा कम होने के कारण।
4 . मधुमेह , ज्यादा शराब पीने से , कमजोरी , पौष्टिक भोजन ना लेने से नसों की कमजोरी।
5 . कुछ ह्रदय रोग की दवायें भी कई बार इसका कारण होती हैं।
6 . कोलेस्ट्रॉल घटाने वाली दवा के सेवन से।
7 . ज्यादा वयायाम करने , खेलने तथा कठोर श्रम करने से।
8 . एक ही स्थिति में देर तक पैर मोड़ने के कारण पेशियों की थकान के कारण हो सकता हैं।
9 . पैर की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमा होने से।
10 . पैरों की स्नायुओं का मधुमेह से प्रभावित होने पर।
11 . अधिक धूम्रपान शराब पीना , पोषक तत्वों की कमी तथा संक्रमण से।
नस पर नस चढ़ने के लक्षण
1 . हाथ थोड़ा दबते ही सुन्न होने लगते हैं।
2 . सीढ़ी चढ़ते हुए घुटने से नीचे के हिस्सों में खिंचाव आना।
3 . गर्दन में ताकत की कमी महसूस होना।
4 . गर्दन में दर्द होना।
5 . शरीर में दर्द के वेग आना।
6 . याददाश्त कम हो जाना।
7 . चलने पर संतुलन बिगड़ना।
8 . हाथ पैरों का कंपन।
9 . जांघ व घुटनों के नीचे Muscle Cramp होना।
10 . शरीर में लेटते हुए धक् धक् की आवाज होना।
11 . कोई भी कार्य करते हुए डर लगना।
12 . ह्रदय की धड़कन बढ़ी हुई रहना।
13 . शरीर में सुइयां चुभना।
14 . सर्दी तथा गर्मी का अधिक असर होना।
15 . चलने फिरने में कष्ट प्रतीत होना।
16 . काम के समय उत्तेजना , चिड़चिड़ापन या निराशा होना।
17 . पर्याप्त नींद न ले पाना।
18 . शीघ्र ही थकन का अनुभव होना।
19 . अंगों में फड़फड़ाहट होते रहना।
20 . मानसिक क्षमता का कम होना।
21 . सोते समय पैरों में नस पर नस चढ़ना या अचानक तेज दर्द होना।
22 . पैरों के तलवों में जलन होना।
23 . हाथ पैर ठंडे रहना।
नस पर नस चढ़ना (Muscle Note) के घरेलू उपचार
1 . जिस पैर की नस चढ़ी है उसी ओर के हाथ की बीच की उँगली के नाखून के नीचे के भाग को दबाए और छोड़े , जब तक जाए।
2 . ये उपाय करें -: लंबाई में शरीर को दो भागों में चिन्हित करें। अब जिस भाग में नस चढ़ी हैं उस भाग के विपरीत भाग के कान के निचले जोड़ पर उंगली से दबाते हुए उंगली को हल्का सा ऊपर नीचे की तरफ करें। ऐसा 10 सेकेंड तक करते रहें नस उत्तर जाएगी।
3 . पैरों के नीचे मोटा तकिया रखकर सोएं , आराम करें , पैरों को ऊंचाई पर रखें।
4 . प्रभावित जगह पर बर्फ की ठंडी सिकाई करें दिन में 3 - 4 बार यह 15 मिनिट करें।
5 . ऐंठन पेशियों की मालिश करें।
6 . पैरों में इलास्टिक पट्टी बांधें जिससे पैरों में खून जमा न हो पाए।
7 . मधुमेह या उच्च रक्तचाप से ग्रसित हैं तो परहेज करें।
8 . शराब , तंबाकू , सिगरेट , नशीले पदार्थों का सेवन न करें।
9 . आरामदायक तथा मुलायम जूते पहनें।
10 . अपना वजन कम करें , रोज सैर पर जाएं , इससे टांगों के नसें मजबूत होती हैं।
11 . फाइबर युक्त भोजन करें जैसे चपाती , ब्राउन ब्रेड , सब्जियां व फल।
नोट :- इस लेख में बताये गए नुस्खे आपकी जानकारी के लिए है। कोई भी उपाय करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। पहले से ली जा रही कोई भी दवा बंद न करें। असुविधा होने पर इस साइट की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी।
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