स्वाइन इंफ्लूएंजा को स्वाइन फ्लू के नाम से भी जाना जाता है । जो कि इंफ्लूएंजा वायरस से होता है और यह वायरस सूअरों के श्वसन तंत्र से निकलता है । इस वायरस में परिवर्तित होने की क्षमता होती है जिससे ये आसानी से लोगों में फ़ैल जाता है ।
बारीश की वजह से स्वाइन फ्लू का वायरस और घातक हो जाता है । वातावरण में नमी बढ़ने के साथ ही ये ज्यादा तेजी से फैलने लगता है । यही वजह है कि मौसम बदलने के साथ एकाएक इसके मामलों कि बाढ़ सी आ जाती है ।
बारीश की वजह से स्वाइन फ्लू का वायरस और घातक हो जाता है । वातावरण में नमी बढ़ने के साथ ही ये ज्यादा तेजी से फैलने लगता है । यही वजह है कि मौसम बदलने के साथ एकाएक इसके मामलों कि बाढ़ सी आ जाती है ।
स्वाइन फ्लू के कारण
शूकर इंफ्लूएंजा आमतौर पर सूअर में ही देखे जाते है , जो कि हर एक सूअर में होता है । लेकिन मानव शरीर में इसका पाया जाना बहुत कम देखा जाता है । यह H1N1 वायरस मानव के सूअर से अधिक संपर्क में रहने के कारण मानव शरीर में आता है । यदि सूअर के मांस को ठीक से पकाकर न खाया जाये तो शूकर इंफ्लूएंजा H1N1 जिसे स्वाइन फ्लू कहते है मानव शरीर में फ़ैल जाता है । मानव शरीर में इस H1N1 वायरस के प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है इसलिए स्वाइन फ्लू जानलेवा बन चुका है ।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
1 . स्वाइन फ्लू बुखार की तरह ही होता है । लेकिन अगर बुखार को ठीक होने में समय लगे तो इसे हम स्वाइन फ्लू का लक्षण मान सकते है ।
2 . शरीर में एवं सिर में दर्द रहना , मासपेशियों में खिंचावट महसूस होना ।
3 . गले में खराश रहना जो कि ठंड में एक आम बात है , लेकिन अगर यह लंबे समय तक ठीक नहीं हुआ तो यह स्वाइन फ्लू का कारण बन सकता है ।
4 . सांस लेने व छोड़ने की प्रक्रिया कि गति में अधिकता होना , अर्थात तेजी से सांस लेना और छोड़ना ।
5 . थकावट महसूस होना , चिड़चिड़ापन महसूस होना ।
6 . पेट ख़राब होना , उलटी दस्त होना , और सामान्य उपचार के बाद भी ठीक न होना ।
7 . सर्दी होना ठंड में एक आम बात हैं लेकिन इसका प्रभाव बहुत वक्त तक रहना और लगता नाक से पानी बहना स्वाइन फ्लू का लक्षण है ।
8 . छोटे बच्चों को बुखार के समय अधिक चिड़चिड़ा होना , और शरीर का नीला पड़ना ।
9 . वयस्कों में छाती अथवा पेट में दर्द , चक्कर आना ।
10. भूख कम महसूस होना एवम तेजी से वजन कम होना ।
स्वाइन फ्लू में सावधानियाँ
1 . छींकते समय टिश्यू पेपर से नाक को ढके और फिर उस पेपर से सावघानी से नष्ट कर दे, कचरे में फेंक दे।
2 . अपने हाथों को लगतार साबुन से धोते रहे अपने घर के, ऑफिस के दरवाजों के हेडल, कीबोर्ड, मेज आदि साफ करते रहे।
3 . यदि आपको जुकाम के लक्षण दिखाई दे तो घर से बाहर ना जाएं और दूसरों के नजदीक ना जाएं।
4 . यदि आपको बुखार आई हो तो उसके ठीक होने के 24 घंटे बाद तक घर पर रहे। लगातार पानी पीते रहे ताकि डिहाडे्रशन ना हो।
5 . संभव हो तो फेसमास्क पहने ले।
स्वाइन फ्लू के घरेलु उपचार
1 . रोज सुबह उठकर 5 तुलसी कि पत्तियां धोकर खाएं । यह आपकी रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाता है ।
2 . गिलोय कि एक फुट लंबी डाल का हिस्सा , तुलसी की पाँच - छः पत्तियाँ 15 मिनट तक उबालें । स्वाद के मुताबिक सेंधा नमक या मिश्री मिलाएं । कुनकुना होने पर इस काढ़े को पीएं । यह आपकी रोग प्रतिरोधक शक्ति को चमत्कारी ढंग से बढ़ा देगा।
3 . महीने में एक या दो बार कपूर की गोली पानी के साथ निगल लें महीने में एक या दो बार कपूर की गोली पानी के साथ निगल लें। बच्चों को केले अथवा उबले हुए आलू में मिलाकर दे सकते हैं। याद रखें कपूर रोज नहीं लेना है, मौसम में एक बार या महीने में एक या दो बार ले सकते हैं।
4 . लहसुन की दो कलियाँ रोज सुबह खाली पेट कुनकुने पानी के साथ जरूर लें। इससे रोग प्रतिरोधक शक्ति में इजाफा होगा।
5 . रात को सोते समय हल्दी का दूध अवश्य पिएँ।
6 . महीने में एक या दो बार कपूर की गोली पानी के साथ निगल लें। बच्चों को केले अथवा उबले हुए आलू में मिलाकर दे सकते हैं। याद रखें कपूर रोज नहीं लेना है, मौसम में एक बार या महीने में एक या दो बार ले सकते हैं।
7 . 4 - 5 तुलसी की पत्ते , 5 ग्राम अदरक , चुटकी भर काली मिर्च पाउडर और उतनी ही हल्दी को एक कप पानी या चाय में उबालकर दिन में दो - तीन बार पियें ।
8 . आधा चम्मच आंवला पाउडर को आधा कप पानी में मिलाकर दो दिन में दो बार पिएं । इससे रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है ।
9 . दालचीनी चूर्ण शहद के साथ मिलकर पीने से भी लाभ करता है ।
10. एलोवेरा एक ऐसी लोकप्रिय जड़ीबूटी है जो आपके भीतर फ्लू से लड़ने की क्षमता बढ़ाती है । इसके अलावा एलोवेरा व्यक्ति की रोग - प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मदद करता है।
11. विटामिन सी का प्रयोग स्वाइन फ्लू के लिए बहुत लाभदायक होता है ।
नोट :- इस लेख में बताये गए नुस्खे आपकी जानकारी के लिए है। कोई भी उपाय करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। पहले से ली जा रही कोई भी दवा बंद न करें। असुविधा होने पर इस साइट की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी।