लीवर को हिंदी में जिगर कहा जाता है। यह शरीर की सबसे महत्वपूर्ण और बड़ी ग्रंथी है। यह पेट के दाहिनी ओर नीचे की तरफ होती है। लीवर शरीर की बहुत सी क्रियाओं को नियंत्रित करता है। लीवर खराब होने पर शरीर की कार्य करने की क्षमता न के बराबर हो जाती है और लीवर डैमेज का सही समय पर इलाज कराना भी जरूरी होता है नहीं तो यह गंभीर समस्या बन सकती है। गलत आदतों की वजह से लीवर खराब होने की आशंका सबसे ज्यादा होती है। जैसे शराब का अधिका अधिक सेवन करना, धूम्रपान अधिक करना, खट्टा ज्यादा खाना, अधिक नमक सेवन आदि। सबसे पहले लिवर खराब होने के लक्षणों को जानना जरूरी है। जिससे समय रहते आपको पता रहे और इलाज सही समय पर हो सके। भारत में दस खतरनाक रोगों में से एक है लिवर की बीमारी। हर साल तकरीब दो लाख लोग लीवर की समस्या से मरते हैं।
18 . पपीता लीवर की बीमारियों के लिए सबसे सुरक्षित प्राकृतिक उपायों में से एक है । विशेष रूप से लीवर सिरोसिस के लिए । हर रोज दो चम्मच पपीता के रस में आधा चम्मच नींबू का रस मिलकर पिए । इस बीमारी से पूरी तरह से निजात पाने के लिए इस मिश्रण का सेवन तीन से चार सप्ताह तक करें ।
19 . अजवाइन 3 ग्राम और आधा ग्राम नमक भोजन के बाद पानी के साथ लेने से तिल्ली के सभी रोग ठीक हो जाते है ।
20 . एक लंबा बैंगन प्रतिदिन कच्चा खाने से लीवर के सारे रोग ठीक होते है ।
लीवर कि सभी समस्याओं का रामबाण इलाज है नींबू
अगर आपका लीवर छोटा है , सूजा हुआ है , तो ये प्रयोग अचूक है । अगर आप अनेक दवाएं खाकर परेशान हो चुके है तो ये साधारण दिखने वाला प्रयोग अचूक है । एक बार इसको जरूर अपनाएं ।
प्रयोग इस प्रकार है
एक कागजी नीबू ( अच्छा पका हुआ ) लेकर उसके दो टुकड़े लें । फिर बीज निकालकर आधे नीबू को बिना काटे चार भाग कर लें पर टुकड़े अलग - अलग न हो । तत्पश्चात एक भाग में काली मिर्च का चूर्ण , दूसरे में काला नमक अथवा सेंधा नमक तीसरे में सौंठ का चूर्ण और चौथे में मिश्री का चूर्ण या शक्कर भर दें । रात में प्लेट में रखकर ढँक दे । प्रातः भोजन करने से एक घंटे पहले इस नींबू की फांक को मंदी आंच पर तवे पर गर्म करके चूस लें ।
सावधानी
दो सप्ताह तक चीनी अथवा मीठे का इस्तेमाल न करें । अगर दूध मीठा पीते हो तो चीनी की बजाए दूध में चार - पांच मुनक्का डालकर मीठा कर लें । रोटी भी काम खाये । अच्छा तो यह है की जब ये उपचार चल रहा हो तो रोटी बिलकुल न खाकर सब्जियां और फल से ही गुजारा कर ले । सब्जी में मसाला न डालें । टमाटर , पालक , गाजर , बथुआ , करेला लौकी आदि सब्जियां और पपीता , आंवला , जामुन , सेब , आलूबुखारा लीची आदि फल तथा छाछ आदि का अधिक प्रयोग करें । घी और ताली वस्तुओं का प्रयोग कम से कम करें । पंद्रह दिन में इस प्रयोग के साथ लीवर ठीक हो जायेगा ।
लीवर ख़राब होने के कारण
1 . दूषित मांस खाना, गंदा पानी पीना, मिर्च मसालेदार और चटपटे खाने का अधिक सेवन करना।
2 . पीने वाले पानी में क्लोरीन की मात्रा का अधिक होना।
2 . पीने वाले पानी में क्लोरीन की मात्रा का अधिक होना।
3 . शरीर में विटामिन बी की कमी होना।
4 . एंटीबायोटिक दवाईयों का अधिक मात्रा में सेवन करना।
5 . घर की सफाई पर उचित ध्यान न देना।
6 . मलेरिया, टायफायड से पीडित होना।
7 . रंग लगी हुई मिठाइयों और डिं्रक का प्रयोग करना।
8 . सौंदर्य वाले कास्मेटिक्स का अधिक इस्तेमाल करना।
9 . चाय, काफी, जंक फूड आदि का प्रयोग अधिक करना।
7 . रंग लगी हुई मिठाइयों और डिं्रक का प्रयोग करना।
8 . सौंदर्य वाले कास्मेटिक्स का अधिक इस्तेमाल करना।
9 . चाय, काफी, जंक फूड आदि का प्रयोग अधिक करना।
लीवर ख़राब होने के लक्षण
1 . लीवर वाली जगह पर दबाने से दर्द होना।
2 . छाती में जलन और भारीपन का होना।
3 . भूख न लगने की समस्या, बदहजमी होना, पेट में गैस बनना।
4 . शरीर में आलसपन और कमजोरी का होना।
5 . लीवर बड़ा हो जाता है तो पेट में सूजन आने लगती है , जिसको आप अक्सर मोटापा समझने की भूल कर बैठते हैं।
6 . मुंह का स्वाद खराब होना।
7 . खून की उल्टी होना।
8 . कैंसर।
9 . पेट में पानी भरना।
10 . पीलिया आदि।
10 . पीलिया आदि।
नए शोध के अनुसार भारत में 32 फीसदी लोग लीवर की किसी न किसी समस्या से ग्रसित हैं। लेकिन इसमें से सबसे अधिक वे लोग हैं जो अधिक मात्रा में शराब का सेवन करते हैं
प्राकृतिक चिकित्सा के द्वारा लीवर को ठीक करना
इन उपायों के द्वारा लिवर पूरी तरह से अच्छे से काम करने लगता है। लिवर को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है टाॅक्सिंस वायरस। इसलिए लिवर का उपचार करने से पहले रोगी का खून साफ होना जरूरी है ताकी लिवर पर जमें दूषित दोष नष्ट हो सके और लीवर का भार कम हो सके। इसलिए रोगी को अतरिक्त विश्राम की जरूरत होती है।
1 . सुबह उठकर खुली हवा में गहरी सांसे ले। प्रातःकाल उठकर कुछ कदम पैदल चलें और चलते चलते ही खुली हवा की गहरी सांसे लें। आपको लाभ मिलेगा।
2 . सप्ताह में सरसों की तेल की मालिश पूरे शरीर में करें। मिट्टी का लेप सप्ताह में एक बार पूरे शरीर पर जरूर लगाएं। आप सप्ताह में एक बार वाष्प का स्नान भी लें। सन बाथ भी आप कर सकते हो।
3 . लीवर की बीमारी को ठीक करने की प्राकृतिक औषधि है हल्दी। हल्दी एंटीआक्सीडेंट के रूप में काम करती है। सुबह या रात को सोने से पहले एक चम्मच हल्दी को एक गिलास दूध में घोलकर पीने से लीवर की समस्या में राहत मिलती है।
4 . लिवर सिरोसिस यानि लिवर संकोचन होने पर 100-100 ग्राम प्याज खाने से राहत मिलती है।
5 . सेब का सिरका रोज पीने से लीवर की बीमारी ठीक होती है।
6 . लीवर को पूरी तरह से खराब होने से बचाया जा सकता है यदि आप अपने खाने में जैतून यानि आॅलिव आॅयल का इस्तेमाल करते हैं। हल्की आंच में जैतून के तेल में खाना पकाएं।
7 . शरीर में पानी की कमी से लीवर भी प्रभावित हो सकता है। लीवर की समस्या उस इंसान को कभी नहीं होगी जो रोज पांच से आठ लीटर पानी पीता है। पानी लीवर पर जमी हुई गंदगी को साफ करता है।
8 . लीवर की समस्या से ग्रसित इंसान को शहद का सेवन करना चाहिए। शहद वह रोटी के साथ भी खा सकता है। और गरम पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर भी पी सकता है। लीवर की अच्छी सेहत के लिए गुनगुने पानी में शहद मिलाकर जरूर पीएं।
9 . लीवर की बीमारी में अलसी का सेवन भी काफी फायदेमंद होता है। अलसी को दरदरा होने तक पीस लें। और इसे आटे के साथ मिलाकर या सलाद में डालकर सेवन करने से लीवर की हर एक बीमारी ठीक हो जाती है।
10 . जामुन लिवर की बीमारी को दूर करने में सहायक होता है। प्रतिदिन 100 ग्राम तक जामुन का सेवन करें। सेब का सेवन करने से भी लिवर को ताकत मिलती है। सेब का सेवन भी अधिक से अधिक करें। गाजर का सूप भी लिवर की बीमारियों को दूर करने में सहायक होता है। यदि लिवर में सूजन है तो खरबूजे का प्रयोग अधिक से अधिक करें। पपीता भी लिवर को शक्ति देता है।
11 . आंवला विटामिन सी के स्रोतों में से एक है और इसका सेवन करने से लीवर बेहतर तरीके से कम करने लगता है । लीवर के स्वास्थ्य के लिए आपको दिन में 4-5 कच्चे आंवले खाने चाहिए। एक शोध साबित किया है कि आंवला में लीवर को सुरक्षित रखने वाले सभी तत्व मौजूद हैं।
12 . लीवर की बीमारियों के इलाज के लिए मुलेठी एक कारगर वैदिक औषधि है । मुलेठी की जड़ को पीसकर पाउडर बनाकर इसे उबलते पानी में डालें। फिर ठंड़ा होने पर साफ कपड़े से छान लें। इस चाय रुपी पानी को दिन में एक या दो बार पिएं।
13 . पालक और गाजर का रस का मिश्रण लीवर सिरोसिस के लिए काफी फायदेमंद घरेलू उपाय है । गाजर के रस और पालक के रस को बराबर भाग में मिलकर पियें । लीवर को ठीक रखने के लिए इस प्राकृतिक रस को रोजाना कम से कम एक बार जरूर पिए सेब और पत्तेदार सब्जियों में मौजूद पेक्टिन पाचन तंत्र में जमे विष से लीवर की रक्षा करता है ।
14 . पाचन क्रिया को ठीक करने के लिए गिलोय का 20 मिली रस , आंवले और एलोवेरा 10 -10 मिली लीटर रस मिलकर सुबह - शाम पिए ।
15 . यदि लीवर में सूजन है तो मकोय के पत्ते , सफ़ेद पुनरवा में हल्दी , काली मिर्च धनिया व हल्का सेंधा नमक मिलाकर सब्जी बनाकर खाएं बहुत लाभ मिलेगा ।
16 . यदि लीवर की समस्या अधिक है तो मूली के पत्ते ,चुकंदर के पत्ते , व पालक ( तीनों 250 ग्राम मात्रा में ) या दाना मेथी के पत्तों के रस में 50 ग्राम चीनी व एक चम्मच नमक मिलाकर खाने से खून कि कमी दूर होती है ।
17 . तुलसी के पत्तों का एक चम्मच पेस्ट तैयार कर 200 मिलीलीटर मूली के पत्तों में मिलाकर पीना भी इस रोग के लिए लाभकारी है ।
18 . पपीता लीवर की बीमारियों के लिए सबसे सुरक्षित प्राकृतिक उपायों में से एक है । विशेष रूप से लीवर सिरोसिस के लिए । हर रोज दो चम्मच पपीता के रस में आधा चम्मच नींबू का रस मिलकर पिए । इस बीमारी से पूरी तरह से निजात पाने के लिए इस मिश्रण का सेवन तीन से चार सप्ताह तक करें ।
19 . अजवाइन 3 ग्राम और आधा ग्राम नमक भोजन के बाद पानी के साथ लेने से तिल्ली के सभी रोग ठीक हो जाते है ।
20 . एक लंबा बैंगन प्रतिदिन कच्चा खाने से लीवर के सारे रोग ठीक होते है ।
लीवर कि सभी समस्याओं का रामबाण इलाज है नींबू
अगर आपका लीवर छोटा है , सूजा हुआ है , तो ये प्रयोग अचूक है । अगर आप अनेक दवाएं खाकर परेशान हो चुके है तो ये साधारण दिखने वाला प्रयोग अचूक है । एक बार इसको जरूर अपनाएं ।
प्रयोग इस प्रकार है
एक कागजी नीबू ( अच्छा पका हुआ ) लेकर उसके दो टुकड़े लें । फिर बीज निकालकर आधे नीबू को बिना काटे चार भाग कर लें पर टुकड़े अलग - अलग न हो । तत्पश्चात एक भाग में काली मिर्च का चूर्ण , दूसरे में काला नमक अथवा सेंधा नमक तीसरे में सौंठ का चूर्ण और चौथे में मिश्री का चूर्ण या शक्कर भर दें । रात में प्लेट में रखकर ढँक दे । प्रातः भोजन करने से एक घंटे पहले इस नींबू की फांक को मंदी आंच पर तवे पर गर्म करके चूस लें ।
सावधानी
दो सप्ताह तक चीनी अथवा मीठे का इस्तेमाल न करें । अगर दूध मीठा पीते हो तो चीनी की बजाए दूध में चार - पांच मुनक्का डालकर मीठा कर लें । रोटी भी काम खाये । अच्छा तो यह है की जब ये उपचार चल रहा हो तो रोटी बिलकुल न खाकर सब्जियां और फल से ही गुजारा कर ले । सब्जी में मसाला न डालें । टमाटर , पालक , गाजर , बथुआ , करेला लौकी आदि सब्जियां और पपीता , आंवला , जामुन , सेब , आलूबुखारा लीची आदि फल तथा छाछ आदि का अधिक प्रयोग करें । घी और ताली वस्तुओं का प्रयोग कम से कम करें । पंद्रह दिन में इस प्रयोग के साथ लीवर ठीक हो जायेगा ।
नोट :- इस लेख में बताये गए नुस्खे आपकी जानकारी के लिए है। कोई भी उपाय करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। पहले से ली जा रही कोई भी दवा बंद न करें। असुविधा होने पर इस साइट की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी।