Youtube

लू लगने ( Sun Stroke ) का उपचार

लू लगने को अंग्रेजी भाषा में  Sun Stroke  भी कहते हैं। गर्मी की सबसे बड़ी समस्या होती है लू लगना।  गर्मी में उच्च तापमान में जयादा देर तक रहने से या गर्म हवा के संपर्क में आने पर लू लगने का डर अधिक होता है। इससे पीड़ित व्यक्ति कि  मौत भी हो सकती है। 

गर्मी हमेशा अपने साथ तीखी धूप तथा अन्य कई तरह की परेशानियां है जिसमें से एक कारण लू लग जाना भी है।  लू के कारण न तो हम बाहर जा सकते है और न ही हम घर में चैन से रह पाते हैं। इनसे बचने के हम चाहे जितने भी उपाय कर लें , ये गर्म हवाएं हमारा पीछा नहीं छोड़ती।  यहाँ तक की घर में भी लू लगने का खतरा बना रहता है। 

                                                

लू लगने के कारण 

1   . गर्मी की वजह से शरीर में पानी और नमक की जयादा कमी होने पर लू लगने के आशंका होती हैं। 

2   . तेज धूप में रहने वालों , बिना सिर को ढके धूप में घूमने वालों, टीन से बने घरों में रहने वालों , तेज आग के सामने काम करने वालों , खेतों में काम करने वालों , खुली धूप में आने - जाने व काम करने वालों को अक्सर लू लग जाती हैं। 

3   . शारीरिक रूप से कमजोरों , बच्चों बुजुर्गों जयादा एक्सरसाइज करने वालों और कम पानी पीने वाले लोगों को अक्सर लू लग जाती हैं। 

4   . भूखे पेट , प्यासे रहना एकदम गर्मी से आकर ठंडा पानी पीना , धूप में से आकर ठंडे कमरे में जाना और ठंडे कमरे से धूप में जाना। 

5   . त्वचा सम्बन्धी रोग से पीड़ित व्यक्ति तथा मधुमेह रोग से पीड़ित व्यक्ति को भी लू लगने के संभावना जयादा होती हैं। 

6   . जब शरीर का थर्मोस्टेट सिस्टम यानी शरीर का तापमान कंट्रोल करने वाला सिस्टम शरीर को ठंडा रखने में नाकाम  तो शरीर में गर्मी भर जाती है और पानी किसी न किसी रूप में शरीर से बाहर निकल जाता है।  इससे शरीर की ठंडक कम  हो जाती है और लू लग जाती हैं। 

7   . अधिक शराब या चाय कॉफी पीने पर किसी भी उम्र में लू लग सकती हैं। 

8   . गर्मी के मौसम में सिंथेटिक या टाइट कपड़े पहनने से हवा नहीं लग पाती , और शरीर के अंदर की गर्मी बाहर  नहीं निकल पाती ऐसे में हीट स्ट्रोक या लू का असर हो सकता हैं। 

लू लगने के लक्षण 

1  . नाड़ी की गति अधिक बढ़ जाने के फलस्वरूप रोगी के शरीर का तापमान 101 - 105 तक हो जाना। 

2   . चेहरा लाल , सिर दर्द , जी मिचलाना और उल्टियाँ होना। 

3   . दस्त , सिरदर्द , शरीर टूटना , बार - बार मुँह सुखना और हाथ - पैरों में कमजोरी आना। 

4   . शरीर का तापमान बढ़ने के कारण कई बार चक्कर आना और बेहोश होना भी संभव हैं। 

5   . बुखार आना। 

6   . अत्यधिक पसीना आना। 

7   . अधिक प्यास लगना। 

8   . चक्कर आना और थकान होना। 

9   . सर दर्द होना। 

10 . त्वचा , लाल , गर्म और सूखी हो जाना। 

11 . मांसपेशिओं में ऐंठन होना। 

12 . जी घबराना , या उलटी होना। 

13 . दिल की धड़कन बढ़  जाना। 

14 . सांस लेने में परेशानी होना। 

15 . व्यवहार में परिवर्तन होना जैसे भ्रम आदि होना। 

                                                 

लू लगने पर प्राथमिक उपचार 


1   . लू लगने पर सबसे पहले उस व्यक्ति को छांव में लाकर हवा का इंतजाम करें।


2   . उसको नमक शक्कर और पानी का घोल पिलायें , उसके कपड़े निकालकर  अंदरूनी वस्त्र रखें। 

3     . गीली चादर लपेटकर तापमान कम करने का प्रयास करें। 

4   . हाथ - पैर की मालिश करें जिससे रक्त संचरण प्रभावित होता हैं। 

5   .अगर संभव हो तो बर्फ के टुकड़े कपड़े में लपेटकर गर्दन , बगलों और जांघों पर रखे।  इससे गर्मी जल्दी निकलती हैं। 

6   . बाहर धूप में निकलें तो छतरी का इस्तेमाल करें।  नंगे बदन और नंगे पैर धूप  में न खड़े हों। 

7   . आम पना , छाछ , लस्सी , नारियल पानी , बेल या नींबू ला शर्बत जैसे तरल पदार्थ पीते रहें। 

8   . ढीले और सूती कपड़े पहनें। 

9   . बाहर खाली पेट न जाएं  और थोड़ी - थोड़ी देर पर पानी पीते रहें। 

10 . गर्मी से एकदम ठंडे कमरे में न जाएं। 

11 . दिन में दो बार नहाएं। 

12 . जयादा से जयादा हरी सब्जियों का प्रयोग करें। 

13 . खीरा, ककड़ी , लौकी , तुरई जरूर खाएं। 

14 . ठंडे कमरे में रहें। 

15 . इमली के गूदे को हाथ पैरों पर मलें। 

16 .  तापमान तेज होने पर सर पर ठंडी पट्टी रखें। 

17 . घर से बाहर निकलते समय जेब में कटा प्याज रखें। 

लू लगने पर घरेलू उपचार 

1   . कच्चे प्याज के रस को कान के नीचे और छाती पर लगाने से शरीर का तापक्रम कम होता है। कच्चे प्याज के जूस में जीरा पाउडर और शहद के बूंद डालकर पीना भी काफी फायदेमंद होता हैं। 

2   . लू  से बचने के लिए आप  प्याज  के एक टुकड़े जेब में लेकर बाहर निकलें। 

3   . कच्चे आम का पना  भी काफी असरदार होता है।  यह शरीर  तापमान  को भी कम करता है। 

4   . इमली को मथकर पानी में घोलकर गुड़ के साथ पिएं।  लू में यह काफी असरदार हैं। 

5   . नींबू में विटामिन सी  और इलेक्ट्रोलाइट्स पाए जाते हैं।  जो हमें हीट स्ट्रोक्स से बचाते हैं। 

6   . नारियल पानी भी गर्मी के लिए एक हेल्दी पेय है।  यह शरीर के तापमान को भी कम करता हैं। 

7   . अगर दोपहर में धूप  में  बाहर निकलना हो तो दही की लस्सी या छाछ पीकर निकलें।  ऐसा करने से धूप का असर कम होगा, और लू का असर भी कम होगा। 

8   . चन्दन के पाउडर को पानी  घोलकर पेस्ट बनाकर सिर और पूरे बदन में लगाएं , काफी शीतलता मिलेगी , और शरीर का तापमान कम होगा। 

9   . धनिया पत्ता और पिपरमिंट पत्ते का जूस निकालकर इसमें थोड़ा चीनी मिलाकर पी लें।  हीट स्ट्रोक के लिए यह एक असरदार घरेलू इलाज है। इससे शरीर को शीतलता मिलेगी , और शरीर का तापमान भी कम होगा। 

10 . लू लगने पर एलोवेरा का जूस पीने से शरीर में न सिर्फ ठंडक पहुँचती है , बल्कि यह रोग से लड़ने की ताकत भी देता हैं। 

11 . अगर किसी को लू लग जाती है तो उसके हाथ पैरों के तलवों में प्याज पीसकर उसका जूस लगाने से भी लू उतर जाते हैं। 

12 . तेज धूप  से वापस आते ही ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। 

13 . गर्मी के दिनों में बार - बार पानी पीते रहना चाहिए।  क्योंकि शरीर में पानी की कमी नहीं होना चाहिए। 

14 . मेथी की सूखी पत्तियों को ठंडे पानी में कुछ समय भिगोकर रखें , बाद में उसे  मसलकर छान लें , इस पानी में थोड़ा सा शहद मिलाकर दो - दो घंटे पर रोगी को पिलाएं , इससे लू ले तुरंत छुटकारा मिलता हैं। 

15 . प्याज का रस हथेलियों और पैर के तलवों पर लगाएं। 

16 . भुना हुआ प्याज और आम पीसकर लेप करना लाभदायक होता हैं। 

17 .धूप में निकलने से पहले नाख़ून पर प्याज घिसकर लगाने से लू नहीं लगती। 

18 . लू लगने और जयादा गर्मी में शरीर पर घमौरियां हो जाती है।  बेसन को पानी में घोलकर घमौरियों पर लगाने से फायदा होता हैं। 

                                            

नोट  :- इस लेख में बताये गए नुस्खे आपकी जानकारी के लिए है। कोई भी उपाय करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। पहले से ली जा रही कोई भी दवा बंद न करें। असुविधा होने पर इस साइट की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी। 































No comments: