खर्राटे लेना एक बहुत ही आम समस्या हैं। हम में से बहुत से लोग इस समस्या से पीड़ित होंगे। हम सभी इसके प्रति लापरवाही दिखाते है , और इसे गंभीरता से नहीं लेते , परंतु खर्राटे आना एक अच्छे स्वास्थ्य का सूचक नहीं हैं। लोगों में एक भ्रामक धारणा यह भी है , कि खर्राटे गहरी नींद में होने के कारण आते हैं। परंतु सच तो यह है की खर्राटों के कारण व्यक्ति ठीक से अपनी नींद पूरी नहीं कर पाता हैं। रात में नींद में अवरोध होने के कारण खर्राटे भरने वाले दिन में सुस्त दिखाई देते हैं
खर्राटे भरना अपने आप में एक बीमारी है जिसे स्लीप एपनिया कहते है। यह अन्य जानलेवा बीमारियों को न्योता देते हैं। यह रोग महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को ज्यादा होता हैं। आमतौर पर इस बीमारी का आक्रमण 40 से 60 वर्ष की आयु में होता हैं , परंतु युवाओं तथा किशोरों को भी ये बीमारी हो सकती हैं। अब तो छोटे बच्चों को भी इस रोग के लक्षण दिखाई देने लगे हैं।
स्लीप एपनिया सांस में अवरोध की एक बीमारी है। यह अवरोध नींद के दौरान पैदा होता हैं। खर्राटों का कोई एक निश्चित कारण नहीं होता हैं। बहुत से कारण जैसे जीभ का बड़ा होना , पुरानी सर्दी , नाक में मस्से होना , या नाक का पर्दा सीधा न होना आदि कारणों से सांस में रुकावट पैदा हो जाती हैं। अधिक मोटापे के कारण भीखर्राटों की शिकायत हो सकती हैं। खर्राटे अधिक आने पर पालिसिटमियो नामक रोग भी हो सकता हैं। इस रोग में रक्तकणों की संख्या बढ़ने के कारण खून की गांठें पड़ सकती हैं। यदि ये गांठे उन रक्त वाहिनियों में पहुँच जाएं जो ह्रदय में रक्त ले जाती हैं तो व्यक्ति को पक्षाघात , हार्ट अटैक तथा ब्रेन हेमरेज जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
शोधों से यह भी पता चला हैं कि खर्राटों के कारण दिल की धड़कन अनियमित हो सकती हैं। अल्सर तथा एसिडिटी की शिकायत भी हो सकती हैं। हाइ ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ सकता है। अचानक मृत्यु भी हो सकती हैं।
खर्राटों के कारण
1 . हमारे नाक मुंह या गले में श्वास मार्ग किसी कारण से संकीर्ण या छोटा होने से खर्राटे आते हैं।
2 . नाक में कफ संक्रमण , नाक की हड्डी बढ़ना या नाक में किसी प्रकार के श्वासमार्ग के अवरोध के कारण खर्राटे आ सकते हैं।
3 . गले में खराश , कफ जम जाना , टॉन्सिल आदि के कारण भी खर्राटे आ सकते हैं।
4 . उम्र के साथ गले के स्नायु कमजोर होने के कारण इनमें अधिक कंपन होने से खर्राटे आते हैं।
5 . मोटापे से पीड़ित व्यक्तियों में भी खर्राटे की समस्या अधिक होती हैं।
6 . उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्तियों में खर्राटे की समस्या अधिक पाई जाती हैं।
7 . सोने से पहले अधिक शराब पीने से या नींद की दवा लेने से खर्राटे आने की संभावना बढ़ जाती हैं।
8 . धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों में खर्राटे लेने का प्रमाण सामान्य व्यक्तियों से दुगना होता हैं।
9 . अगर आप पीठ के बल सोते हैं तो इस अवस्था में सोने से गले के स्नायु शिथिल पड़ जाते हैं और श्वास मार्ग में अवरोध निर्माण करते है जिससे खर्राटे आने चालु हो जाते हैं।
10 . ठंडी चीजों के सेवन करने से।
खर्राटों के लक्षण
1 . एकाग्रता के साथ समस्या।
2 . आप दिन के दौरान नींद महसूस कर सकते हैं।
3 . गले में खराश।
4 . अशांत नींद।
5 . उच्च रक्तचाप।
6 . दिल की धड़कन अनियमित होना।
7 . सिर में भारीपन होना।
8 . मोटापे के कारण श्वसन और मुख नलिका में वसा जमा होना।
9 . अस्थमा या साइनस होने पर।
10 . तालू में दरार , जीभ का आकर बड़ा होना व टॉन्सिल होना।
खर्राटे दूर करने का घरेलू उपचार
1 . रात को सोने से पहले इलायची के कुछ दानों को गुनगुने पानी के साथ मिलाकर पीने से खर्राटों की समस्या राहत मिलती हैं। सोने से पहले कम 30 मिनिट पहले इस उपाय को करें।
2 . रात को सोने से पहले रोजाना हल्दी का दूध पीने से खर्राटों की समस्या से बचा जा सकता हैं।
3 . एक आधा छोटी चम्मच ऑलिव ऑयल में सामान मात्रा में शहद मिलाकर। सोने से पहले नियमित रूप से लें। गले में कंपन को कम करने और खर्राटों को रोकने के लिए नियमित रूप से इस उपाय का प्रयोग करें।
4 . एक या दो लहसुन की कली पानी के साथ लें। इस उपाय को करने से आप खर्राटों से राहत पाकर चैन की नींद ले सकते हैं।
5 . सोने से पहले पिपरमिंट ऑयल की कुछ बूंदों को पानी में डालकर उससे गरारे करें। इस उपाय को कुछ दिन तक करने से आपको जल्द हे फर्क दिखाई देने लगेगा।
6 . सोते समय अपने सिर के नीचे तकिया रखकर सोए , और मन को शांत रखकर सोये। जिससे हम खर्राटे के खतरे को कम कर सकते है , और आराम की नींद ले सकते हैं।
7 . अगर आप खर्राटों की समस्या से छुटकारा पाना चाहते है तो अपनी नाक का रास्ता साफ़ रखना होगा।
8 . खर्राटे के समस्या दूर करने के लिए एक गिलास गुनगुने पानी में 3 चम्मच दालचीनी का पाउडर को मिलाकर पीना चाहिए।
9 . पीठ के बल सोने से बचे रात में सोते समय पीठ के बल सोने की बजाय पेट के बल या फिर करवट लेकर सोना चाहिए। इससे सांस लेने में तकलीफ नहीं होती और चैन आती हैं।
10 . ज्यादा भोजन कर सोने। बेहतर होगा अगर आप भोजन करने के बाद थोड़ा टहलें और जाएं। इससे खाने को पचने में आसानी होगी। रात को कम भोजन करना खर्राटे की समस्या को हैं।
नोट :- इस लेख में बताये गए नुस्खे आपकी जानकारी के लिए है। कोई भी उपाय करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। पहले से ली जा रही कोई भी दवा बंद न करें। असुविधा होने पर इस साइट की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी।
खर्राटे भरना अपने आप में एक बीमारी है जिसे स्लीप एपनिया कहते है। यह अन्य जानलेवा बीमारियों को न्योता देते हैं। यह रोग महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को ज्यादा होता हैं। आमतौर पर इस बीमारी का आक्रमण 40 से 60 वर्ष की आयु में होता हैं , परंतु युवाओं तथा किशोरों को भी ये बीमारी हो सकती हैं। अब तो छोटे बच्चों को भी इस रोग के लक्षण दिखाई देने लगे हैं।
स्लीप एपनिया सांस में अवरोध की एक बीमारी है। यह अवरोध नींद के दौरान पैदा होता हैं। खर्राटों का कोई एक निश्चित कारण नहीं होता हैं। बहुत से कारण जैसे जीभ का बड़ा होना , पुरानी सर्दी , नाक में मस्से होना , या नाक का पर्दा सीधा न होना आदि कारणों से सांस में रुकावट पैदा हो जाती हैं। अधिक मोटापे के कारण भीखर्राटों की शिकायत हो सकती हैं। खर्राटे अधिक आने पर पालिसिटमियो नामक रोग भी हो सकता हैं। इस रोग में रक्तकणों की संख्या बढ़ने के कारण खून की गांठें पड़ सकती हैं। यदि ये गांठे उन रक्त वाहिनियों में पहुँच जाएं जो ह्रदय में रक्त ले जाती हैं तो व्यक्ति को पक्षाघात , हार्ट अटैक तथा ब्रेन हेमरेज जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
शोधों से यह भी पता चला हैं कि खर्राटों के कारण दिल की धड़कन अनियमित हो सकती हैं। अल्सर तथा एसिडिटी की शिकायत भी हो सकती हैं। हाइ ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ सकता है। अचानक मृत्यु भी हो सकती हैं।
खर्राटों के कारण
1 . हमारे नाक मुंह या गले में श्वास मार्ग किसी कारण से संकीर्ण या छोटा होने से खर्राटे आते हैं।
2 . नाक में कफ संक्रमण , नाक की हड्डी बढ़ना या नाक में किसी प्रकार के श्वासमार्ग के अवरोध के कारण खर्राटे आ सकते हैं।
3 . गले में खराश , कफ जम जाना , टॉन्सिल आदि के कारण भी खर्राटे आ सकते हैं।
4 . उम्र के साथ गले के स्नायु कमजोर होने के कारण इनमें अधिक कंपन होने से खर्राटे आते हैं।
5 . मोटापे से पीड़ित व्यक्तियों में भी खर्राटे की समस्या अधिक होती हैं।
6 . उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्तियों में खर्राटे की समस्या अधिक पाई जाती हैं।
7 . सोने से पहले अधिक शराब पीने से या नींद की दवा लेने से खर्राटे आने की संभावना बढ़ जाती हैं।
8 . धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों में खर्राटे लेने का प्रमाण सामान्य व्यक्तियों से दुगना होता हैं।
9 . अगर आप पीठ के बल सोते हैं तो इस अवस्था में सोने से गले के स्नायु शिथिल पड़ जाते हैं और श्वास मार्ग में अवरोध निर्माण करते है जिससे खर्राटे आने चालु हो जाते हैं।
10 . ठंडी चीजों के सेवन करने से।
खर्राटों के लक्षण
1 . एकाग्रता के साथ समस्या।
2 . आप दिन के दौरान नींद महसूस कर सकते हैं।
3 . गले में खराश।
4 . अशांत नींद।
5 . उच्च रक्तचाप।
6 . दिल की धड़कन अनियमित होना।
7 . सिर में भारीपन होना।
8 . मोटापे के कारण श्वसन और मुख नलिका में वसा जमा होना।
9 . अस्थमा या साइनस होने पर।
10 . तालू में दरार , जीभ का आकर बड़ा होना व टॉन्सिल होना।
खर्राटे दूर करने का घरेलू उपचार
1 . रात को सोने से पहले इलायची के कुछ दानों को गुनगुने पानी के साथ मिलाकर पीने से खर्राटों की समस्या राहत मिलती हैं। सोने से पहले कम 30 मिनिट पहले इस उपाय को करें।
2 . रात को सोने से पहले रोजाना हल्दी का दूध पीने से खर्राटों की समस्या से बचा जा सकता हैं।
3 . एक आधा छोटी चम्मच ऑलिव ऑयल में सामान मात्रा में शहद मिलाकर। सोने से पहले नियमित रूप से लें। गले में कंपन को कम करने और खर्राटों को रोकने के लिए नियमित रूप से इस उपाय का प्रयोग करें।
4 . एक या दो लहसुन की कली पानी के साथ लें। इस उपाय को करने से आप खर्राटों से राहत पाकर चैन की नींद ले सकते हैं।
5 . सोने से पहले पिपरमिंट ऑयल की कुछ बूंदों को पानी में डालकर उससे गरारे करें। इस उपाय को कुछ दिन तक करने से आपको जल्द हे फर्क दिखाई देने लगेगा।
6 . सोते समय अपने सिर के नीचे तकिया रखकर सोए , और मन को शांत रखकर सोये। जिससे हम खर्राटे के खतरे को कम कर सकते है , और आराम की नींद ले सकते हैं।
7 . अगर आप खर्राटों की समस्या से छुटकारा पाना चाहते है तो अपनी नाक का रास्ता साफ़ रखना होगा।
8 . खर्राटे के समस्या दूर करने के लिए एक गिलास गुनगुने पानी में 3 चम्मच दालचीनी का पाउडर को मिलाकर पीना चाहिए।
9 . पीठ के बल सोने से बचे रात में सोते समय पीठ के बल सोने की बजाय पेट के बल या फिर करवट लेकर सोना चाहिए। इससे सांस लेने में तकलीफ नहीं होती और चैन आती हैं।
10 . ज्यादा भोजन कर सोने। बेहतर होगा अगर आप भोजन करने के बाद थोड़ा टहलें और जाएं। इससे खाने को पचने में आसानी होगी। रात को कम भोजन करना खर्राटे की समस्या को हैं।
नोट :- इस लेख में बताये गए नुस्खे आपकी जानकारी के लिए है। कोई भी उपाय करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। पहले से ली जा रही कोई भी दवा बंद न करें। असुविधा होने पर इस साइट की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी।