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बहरापन ( Deafness ) का उपचार

बहरापन के रोग में रोगी को एक या दोनों कान से अंशतः या पूर्णतः  देता है।  यह स्थति जन्मजात भी हो सकती हैं।  और बाद में किन्ही और कारणों से हो सकती हैं।  जन्मजात बहरापन असाध्य होता है।  लेकिन दूसरी तरह  बहरापन चिकित्सा से ठीक हो जाता हैं। 

                                                 

बहरेपन के कारण 

1  . व्यवसायिक जोखिम  ( जो लोग शोर वाले क्षेत्रों में काम कर रहें हैं ) 

2  . उम्र बढ़ने के साथ बहरेपन  समस्या उत्पन्न होना प्राकृतिक घटना हैं। 

3  . मोम  के कान में गिरने या डालने से। 

4  . गंभीर कान संक्रमण। 

5  . टीम्पेनिक रोग। 

6  . टीम्पेनिक झिल्ली में छेद। 

7  . कान में हड्डियों का विकास या भर जाना। 

8  . कैंसर रोग। 

9  . कान के पर्दे  का डैमेज हो जाना। 

10 . शारीरिक कमजोरी। 

11 . कान में ठंड लगने के कारण। 

12 . स्नान करते समय कान में पानी चले जाना। 

13 . कान में कड़ा मैल  जमने के कारण। 

14 . कान के भीतरी परदे में चोट लगने के कारण। 

बहरेपन के लक्षण 


1  . दूसरे की बात समझने में असमर्थ। 

2  . दूसरों से जोर से बात बोलने के लिए कहना। 

3  . चक्कर आना। 

4  . कान का दर्द। 

                                                       


बहरेपन का घऱेलू उपचार 

1  . तुलसी के पत्तों का रस सरसों के तेल में मिलाकर कान में डालें। 

2  . सरसों के तेल में थोड़े से धनिया के दाने  डालकर आग पर पकाएं।  जब तेल आधा रह जाएं  तो उसे छानकर बूंद - बूंद   कान में डालें। 

3  . कान में सफ़ेद प्याज के अर्क  को दिन में तीन बार डालते रहें।  दो - तीन माह के बाद बहरापन कम  होने लगता हैं। 

4  . एक चुटकी हीरा हींग लेकर बकरी , घोड़ी या गाय के दूध में अच्छी तरह मिलाकर कान में दो बार डालें। 

5  . लहसुन की सात - आठ कलियों को छीलकर 100  ग्राम तिली  या सरसों के तेल में पकाएं।  इस तेल को छानकर कांच की शीशी में भरकर रख लें।  यह तेल बूंद - बूंद  कर कान में डालें। 

6  . सरसों के तेल में थोड़ा सा मूली का रस  मिलाकर कान में बूंद - बूंद डालने से बहरापन दूर होता हैं।

7  .  बेल के पत्तों का रस  एक चम्मच तथा अनार के पत्तों का रस  एक चम्मच दोनों को मिलाकर १०० ग्राम सरसों के तेल में पकाएं।  जब तेल आधा रह जाए तो आंच पर उतारकर छानकर शीशी में रख लें। इस तेल को कान में नियमित रूप से डालें। 

8  . कान में कुछ दिनों तक लगातार दालचीनी का तेल डालने से काफी लाभ होता हैं। 

9  . फिटकरी के फूले का चूर्ण सरसों के तेल में मिलाकर कान में डालें। 

10 . एक भाग अदरक का रस और चार भाग ऊंट का मूत्र मिलाकर कान में टपकाएं।  इससे कान का बहरापन और दर्द दोनों दूर होते हैं। 

11 . दशमूल , अखरोट अथवा कड़वी बादाम की तेल की बूंदे  कान में डालने से बहरेपन में लाभ होता हैं। 

12 . ताजे गोमूत्र में एक चुटकी सेंधा नमक मिलाकर हर  रोज कान में डालने से आठ दिनों में ही बहरेपन में फायदा होता हैं। 

13 . आंकड़े के पके हुए पीले पत्ते को साफ़ करके उस पर सरसों का तेल लगाकर गर्म करके उसका रस  निकालकर दो - तीन बूंद  हर  रोज सुबह - शाम कान में डालने से बहरेपन में फायदा होता हैं। 

14 . करेले के बीज और उतना ही काला जीरा मिलाकर पानी में पीसकर उसका रस  दो- तीन बूंद दिन में दो बार कान में डालने से बहरेपन में फायदा होता हैं। 

15 . अदरक का रस  कान में डालने से कान के दर्द , और बहरेपन एवम कान बंद होने पर लाभ होता हैं। 

16 . सेंधा नमक को गाय के मूत्र में मिलाकर कान में डालने से सिर्फ 7 दिनों में ही बहरापन ठीक हो जाता हैं। 

17 . 10 मिलीलीटर जैतून के पत्तों के रस  में 10 ग्राम शहद में मिलाकर गुनगुना करके कान में डालने से कुछ ही दिनों में कान का बहरापन ठीक हो जाता हैं। 

18 . कड़वे बादाम के तेल को गुनगुना करके रोजाना सुबह और शाम कान में बूंद - बूंद  करके डालने से बहरापन ठीक हो जाता हैं। 

19 . अजवाइन से बने तेल को रोजाना कान में डालने से बहरापन दूर हो जाता हैं। 

20 . बेलपत्र को गाय के पेशाब के साथ पीसकर बकरी के दूध में मिलाकर आग पर पकाकर तेल बना लें।  इस तेल को कान में बूंद - बूंद  कर डालने से बहरापन दूर हो जाता हैं। 

21 . राई  के तेल को गर्म करके इसकी 2 - 2 बूंद कान में डालने से कितना भी पुराना  बहरापन हो वह ठीक हो जाता हैं। 

22 . थोड़े से जीरे को दूध के साथ फांकने से कम सुनाई देने का रोग ठीक हो जाता हैं। 

23 . बांस के फूल के रस की 2 - 3  बूंदे  रोजाना 3 - 4 बार कान में डालने से बहरापन दूर हो जाता हैं। 

24 . सरसों के तेल को गर्म करके कान में डालने से बहरापन दूर हो जाता हैं। 

                                                       


नोट  :- इस लेख में बताये गए नुस्खे आपकी जानकारी के लिए है। कोई भी उपाय करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। पहले से ली जा रही कोई भी दवा बंद न करें। असुविधा होने पर इस साइट की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी।